छपरा। शराबबंदी वाले बिहार के सारण जिले के मशरक, इसुआपुर, मढ़ौरा एवं अमनौर प्रखंड में 24 घंटे के अंदर शराब पीने से 31 लोगों की मौत हो गई। मौत के बाद सदर अस्पताल से लेकर गांव तक चीख पुकार के बाद हाहाकार मच गया। इसी बीच नीतीश कुमार ने विधानसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, ”जो नकली शराब पिएगा वह तो मरेगा ही, लोगों को खुद ही सचेत रहना होगा।”
नीतीश कुमार ने कहा, ”जब बिहार में शराबबंदी नहीं थी, तब भी लोग नकली शराब पीकर मर जाते थे। यहां तक कि अन्य राज्यों में भी ऐसी घटनाएं होती हैं। लोगों को सचेत रहना चाहिए।बिहार में चूंकि शराबबंदी है, तो कुछ न कुछ नकली बिकेगा, इसे पीकर लोगों की मौत हो गई।नीतीश कुमार ने कहा कि शराब बुरी आदत है। इसे नहीं पीना चाहिए।”
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा, ”मैंने अधिकारियों को कहा है कि गरीबों को न पकड़ें जो लोग इसका व्यवसाय कर रहे हैं उन्हें पकड़ें। शराब बंदी कानून से कई लोगों को फायदा हुआ है कई लोगों ने शराब छोड़ दी है। नीतीश ने अपील की कि कोई भी शराब से जुड़ा व्यवसाय न करे, और कोई बिजनेस करें, जरूरत पड़ी तो सरकार दूसरे बिजनेस के लिए 1 लाख रुपए तक देने के लिए तैयार है।
पुलिस छावनी में तब्दील हुआ अस्पताल परिसर
छपरा सदर अस्पताल में एक-एक कर शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। सदर अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए परिजनों की भीड़ देर शाम तक पोस्टमार्टम हाउस के बाहर जुटे थी। जहरीली शराब पीकर उपचार कराने कराने आए लोगों की मौत के बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर छपरा सदर अस्पताल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया। देर रात तक पुलिसकर्मी और प्रशासनिक पदाधिकारी भाग-दौड़ करते देखे गए। हालांकि, जहरीली शराब के सेवन पर कुछ भी बोलने से कतराते रहे हैं।