नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर कांग्रेस हमलावर। कांग्रेस का कहना है कि जो सरकार एक इंच जमीन कांग्रेस के कब्जे में नहीं जाने के दावे करती थी वो बड़े बड़े दावे कहां गए जवाबा में गृहमंत्री अमित शाह उतरे और दनादन कई सवाल दागे।
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस जवाब दे कि वर्ष 2005-07 के बीच राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीनी दूतावास से जो 1 करोड़ 35 लाख रुपये प्राप्त किये उनसे क्या किया? कांग्रेस देश को बताये कि राजीव गाँधी चैरिटेबल ट्रस्ट ने जाकिर नाइक की संस्था से बिना अनुमति के FCRA खाते में जुलाई 2011 को 50 लाख रुपये क्यों लिए। नेहरू जी के कारण सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की बलि चढ़ गई।1 962 में भारत की हजारों हेक्टेयर भूमि चीन ने हड़प ली। 2006 में भारत में चीन के दूतावास ने पूरे अरुणाचल और नेफा पर दावा कर दिया था।अब देश में मोदी सरकार है, हमारी एक इंच भूमि भी कोई नहीं ले सकता।
इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में सीमा पर चीनी अतिक्रमण का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि चीन जनवरी, 2020 में दिए गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस बयान की आड़ ले रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि किसी ने भी भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया है या हमारी किसी भी जमीन पर कब्जा नहीं किया है। खड़गे ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है और वह चाहते हैं कि आज के कामकाज को स्थगित कर इस मुद्दे पर चर्चा की जाए।
रक्षामंत्री ने दिया जवाब
राजनाथ सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में अपने जवाब में कहा कि नौ दिसंबर 2022 को PLA गुट (चीनी सेना) ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में, LAC पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया। चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया। इस झड़प में दोनों तरफ से हाथापाई भी हुई। भारतीय सेना ने बहादुरी दिखाते हुए चीन के सैनिकों को अतिक्रमण करने से रोका और वापस लौटने पर मजबूर किया। कुछ ही देर में हमारे सैनिकों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया। इस दौरान हमारे किसी भी सैनिक की न तो मृत्यु हुई है, न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। अधिकारियों के दखल के बाद पीएलए सैनिक वापस लौट गए। 11 दिसंबर को भारत के स्थानीय सैन्य अधिकारी ने पीएलए के अधिकारी के साथ बैठक की और इस घटना पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया है। मैं इस सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सेनाएं भारत की अखंडता के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके खिलाफ कोई भी प्रयास को रोकने के लिए तत्पर हैं। मुझे विश्वास है कि यह सदन भारत की सेना को समर्थन देगा और उसकी क्षमता और पराक्रम का अभिनंदन करेगा।
दरअसल, 9 दिसंबर को एलएसी पर भारतीय सैनिकों ने चीन की साजिश को नाकाम कर दिया था। तवांग के यांगत्से इलाके में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच जमकर झड़प हुई थी और भारतीय सेना के जवानों ने करीब 300 पीएलए सैनिकों को खदेड़ा था। चीनी सैनिक भारतीय सेना की पोस्ट को हटवाने आए थे मगर भारतीय सैनिकों की मुस्तैदी ने चीनी सैनिकों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। इस झड़प में दोनों सेनाओं के कुछ सैनिक घायल हुए हैं।