चीन से झड़प के मुद्दे पर राजनाथ ने संसद में दिया जवाब, बोले- हमारे सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया

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नई दिल्ली। भारत और चीनी सेना के बीच हुई झड़प के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज लोकसभा और राज्यसभा में जवाब दिया। वहीं अब इस मुद्दे पर चीन की तरफ से भी पहला बयान आया है। चीन ने कहा है कि फिलहाल भारतीय सीमा के पास स्थिति स्थिर है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि नौ दिसंबर 2022 को PLA गुट (चीनी सेना) ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में, LAC पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया। चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया। इस झड़प में दोनों तरफ से हाथापाई भी हुई। भारतीय सेना ने बहादुरी दिखाते हुए चीन के सैनिकों को अतिक्रमण करने से रोका और वापस लौटने पर मजबूर किया। कुछ ही देर में हमारे सैनिकों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया। इस दौरान हमारे किसी भी सैनिक की न तो मृत्यु हुई है, न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। अधिकारियों के दखल के बाद पीएलए सैनिक वापस लौट गए। 11 दिसंबर को भारत के स्थानीय सैन्य अधिकारी ने पीएलए के अधिकारी के साथ बैठक की और इस घटना पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया है। मैं इस सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सेनाएं भारत की अखंडता के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके खिलाफ कोई भी प्रयास को रोकने के लिए तत्पर हैं। मुझे विश्वास है कि यह सदन भारत की सेना को समर्थन देगा और उसकी क्षमता और पराक्रम का अभिनंदन करेगा।

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गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष ने हंगामा इसलिए किया क्योंकि सदन में राजीव गांधी फाउंडेशन को लेकर सवाल पूछा जाना था और वह बताने वाले थे कि फाउंडेशन ने चीनी दूतावास से हजारों करोड़ रुपये का अनुदान लिया था और भारत-चीन संबंध पर शोध करवाया था। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में चीन ने हजारों एकड़ जमीन हड़प ली। 

बता दें कि 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर में चीनी सैनिकों ने भारतीय पोस्ट पर हमला किया था। इसके बाद जमकर झड़प हुई और दोनों ही पक्षों के जवान घायल हुए। अरुणाचल ईस्ट से भाजपा सांसद ने कहा कि झड़प के बाद दोनों ही तरफ से सैनिक हट गए और शांति बहाल हो गई। बता दें कि चीन लंबे समय से चालबाजी और धोखेबाजी की ही कोशिश में रहता है। चीन अपनी विस्तारवादी नीति की वजह से आए दिन अपनी नपाक मंसा जाहिर करता रहता है। इससे पहले 2020 में गलवान घाटी में भी चीन ने ऐसा ही किया था। यहां आमने सामने की लड़ाई में भारत ने चीन के 40 सैनिकों को मार गिराया था। भारत के भी 20 सैनिक शहीद हुए थे।

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