लखनऊ। 18 साल पहले हुई भाजपा नेता मालती शर्मा की हत्या में रिटायर डीआईजी पीके मिश्र की पत्नी अलका मिश्रा और सिपाही राजकुमार समेत चार आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई है। आरोपितों पर सजा के साथ जुर्माना भी लगाया है। अलका मिश्रा दोषी करार दिये जाने के बाद से फरार चल रही थी। कोर्ट से गैरजमानती वारन्ट जारी होने के बाद गाजीपुर पुलिस ने रविवार को अलका को गिरफ्तार कर लिया था। अलका को पुलिस ने सोमवार को कोर्ट में पेश किया था।
कोर्ट ने 9 दिसंबर को चारों आरोपियों को दोषी ठहराया था, लेकिन अलका मिश्र कोर्ट से फरार हो गई थी। इस पर कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था जिसके बाद पुलिस ने रविवार को अलका मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कोर्ट ने सोमवार को सभी आरोपियों को आजीवन कारवास की सजा सुनाई। कोर्ट ने अलका मिश्रा और आलोक दुबे को हत्या की साजिश रचने, राजकुमार राय को हत्या, अपहरण, साजिश रचने व आर्म्स एक्ट और रोहित सिंह की हत्या और आर्म्स एक्ट में दोषी ठहराया है। साथ ही अलका मिश्रा व आलोक दुबे पर 10-10 हजार, राजकमार राय पर 35 हजार और रोहित सिंह पर 15 हजार जुर्माना भी लगाया है।
बता दें सर्वोदय नगर में सात जून, 2004 को गुडंबा के कल्याणपुर निवासी मालती की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गोमती नगर पुलिस ने सिपाही राजकुमार राय और अलका के करीबी रोहित यादव को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा किया था। जांच में पता चला था कि मालती की हत्या की साजिश विकासनगर की तत्कालीन पार्षद अलका और आलोक दुबे को ने ही रची थी। रिटायर्ड डीआईजी पीके मिश्रा की पत्नी अलका मिश्रा की मालती से सियासी वर्चस्व को लेकर अदावत थी। दोनों ही भाजपा की नेता थीं। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था। इसके बाद भाजपा ने अलका मिश्रा को पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया था।