जमानत मिलने के कुछ घंटों बाद साकेत फिर गिरफ्तार, पीएम मोदी को लेकर फैलाई थी फर्जी खबर

अहमदाबाद। तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने गुजरात पुलिस पर उनकी पार्टी के प्रवक्ता साकेत गोखले को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। ब्रायन ने कहा कि गोखले को जमानत दिए जाने के बाद भी पुलिस उन्हें प्रताड़ित कर रही है। जमानत मिलने के बाद उन्हें दोबारा गिरफ्तार किया गया।

गुजरात पुलिस ने मंगलवार को साकेत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘फर्जी खबर’ फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। सोमवार को गोखले ने नई दिल्ली से जयपुर के लिए रात नौ बजे की फ्लाइट ली थी। जब वह उतरे तो गुजरात पुलिस, जयपुर एयरपोर्ट पर उनका इंतजार कर रही थी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद गुजरात पुलिस उन्हें लेकर अहमदाबाद चली गई थी।

साकेत गोखले को गुरुवार को अहमदाबाद की एक कोर्ट से जमानत मिलने की जानकारी तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने गुरुवार को ट्विटर पर इसकी जानकारी साझा की। साकेत गोखले को जमानत मिलने पर उन्होंने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और पूर्व राज्यसभा सदस्य मजीद मेनन का शुक्रिया अदा किया था। इसके बाद डेरेक ओ ब्रायन ने को ट्वीट कर कहा कि जमानत मिलने के बाद भी टीएमसी के साकेत गोखले को गुजरात पुलिस प्रताड़ित कर रही है। उन्हें आठ दिसंबर को रात 8.45 मिनट पर दोबारा गिरफ्तार किया गया। उन्हें उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह अहमदाबाद के साइबर पीएस से जा रहे थे। उन्हें बिना किसी वॉरंट के गिरफ्तार कर अज्ञात स्थान पर ले जाया गया, बहुत ही निंदनीय कृत्य।

सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर अपराध) जितेंद्र यादव ने कहा कि मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एम वी चौहान ने गोखले की पुलिस हिरासत पूरी होने के बाद अदालत में पेश किए जाने के बाद उसे जमानत दे दी। यादव ने कहा कि इसके तुरंत बाद मोरबी पुलिस ने वहां दर्ज एक अन्य अपराध में उसे गिरफ्तार कर लिया।

मोरबी हादसे पर पीएम मोदी को बदनाम करने का आरोप
एक दिसंबर, 2022 को, TMC के प्रवक्ता साकेत गोखले ने दावा किया था कि पुल ढहने की घटना के बाद गुजरात में पीएम मोदी की मोरबी यात्रा के लिए केवल कुछ घंटों के लिए 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। आरटीआई रिपोर्ट का हवाला देते हुए गोखले ने दावा किया था कि 5.5 करोड़ रुपये विशुद्ध रूप से स्वागत, कार्यक्रम प्रबंधन और फोटोग्राफी के लिए थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि मोदी के इवेंट मैनेजमेंट और पीआर की कीमत 135 लोगों के जीवन से अधिक है। क्योंकि त्रासदी के 135 पीड़ितों के परिवारों को प्रत्येक को केवल 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी गई। हालाँकि पीआईबी ने बताया कि इस तरह की कोई आरटीआई दाखिल नहीं की गयी है।

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