गाजियाबाद निकाय चुनाव: अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण तय, अनारक्षित हुई निगम की सीट

गाजियाबाद। नगर निकाय के चुनाव के लिए नगर निगम, पालिकाओं और पंचायत अध्यक्षों का आरक्षण घोषित कर दिया। गाजियाबाद नगर निगम की सीट अनारक्षित हुई है।

गाजियाबाद में नगर निगम के गठन के बाद से लगातार भाजपा का दबदबा रहा है और कमल यहां से खिलता रहा है। गाजियाबाद में नगर निगम का गठन 1995 में हुआ था और मेयर पद का पहला चुनाव 1996 में हुआ था। इसके बाद से लगातार छह बार गाजियाबाद नगर निगम पर भाजपा का कब्जा रहा। भले ही उत्तर प्रदेश में सरकार किसी भी पार्टी की रही हो लेकिन गाजियाबाद नगर निगम पर भाजपा का ही परचम लहराता रहा है। 2017 में गाजियाबाद नगर निगम सीट महिला आरक्षित हुई तो भाजपा ने अपने पुरानी कार्यकर्ता आशा शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा। आशा शर्मा ने यहां से बड़ी जीत दर्ज की।

वहीं इस बार सीट अनारक्षित कोटे में गई है। ऐसे में न केवल इस सीट पर जीत हासिल करने बल्कि टिकट के लिए भी दावेदारों में कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। भाजपा में दावेदारों की फेहरिस्त लंबी है। इसके अलावा कांग्रेस, सपा, बसपा, आरएलडी में भी दावेदारों की कतार लगी हुई है।

इस तरह है आरक्षण
नगर पालिका परिषद मोदीनगर के अध्यक्ष की सीट अनुसूचित जाति, नगर पालिका परिषद मुरादनगर के अध्यक्ष की सीट अनारक्षित, नगर पालिका परिषद लोनी के अध्यक्ष की सीट पिछड़ा वर्ग, नगर पालिका परिषद खोड़ा मकनपुर के अध्यक्ष की सीट पिछड़ा वर्ग, नगर पंचायत डासना के अध्यक्ष की सीट अनारक्षित, नगर पंचायत पतला के अध्यक्ष की सीट पिछड़ा वर्ग, नगर पंचायत निवाड़ी के अध्यक्ष की सीट पिछड़ा वर्ग महिला, नगर पंचायत फरीदनगर के अध्यक्ष की सीट महिला के लिए आरक्षित की गई है।

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