रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पास हो गया। इसके तहत छत्तीसगढ़ में अब अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 प्रतिशत और EWS को 4 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। जिसके बाद अब राज्य में कुल 76 फीसदी आरक्षण मिलेगा।
छत्तीसगढ़ विधानसभा ने सर्वसम्मति से राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति समुदायों के लिए उनकी आबादी के अनुपात के अनुसार प्रवेश और सरकारी नौकरियों में आरक्षण बढ़ाने वाले दो संशोधन विधेयक पारित किए। दोनों विधेयक- छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण) संशोधन अधिनियम और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश से संबंधित एक संशोधन विधेयक शुक्रवार को विशेष सत्र के दौरान विधानसभा में पेश किए गए। मुख्यमंत्री ने सभी दलों से छत्तीसगढ़ में आरक्षण के नए प्रावधानों को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया।
विधेयक पारित होने के बाद सिलसिलेवार ट्वीट में सीएम भूपेश बघेल ने कहा, “छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण के लिए सर्वसम्मति से पारित विधेयक को केंद्र सरकार के पास भेजने का संकल्प भी विधानसभा में पारित हो गया है।”
अपने दूसरे ट्वीट में मुख्यमंत्री ने कहा, “इस संकल्प में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि वह इस आरक्षण प्रावधान को नौंवी अनुसूची में शामिल करे। मुख्य विपक्षी दल भाजपा भी इस संकल्प में साथ देती तो राज्य की जनता को और अच्छा लगता।” उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘बधाई! मनाइए उत्सव। अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32%, अनुसूचित जाति के लिए 13%, पिछड़ा वर्ग के लिए 27% और ग़रीबों के लिए 4% आरक्षण विधेयक को विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया है।”