गाजियाबाद। नंदग्राम क्षेत्र के भट्ठा नंबर पांच रोड स्थित वरदान अस्पताल के पास अमित उर्फ मोनू के निर्माणाधीन मकान में राजमिस्त्री बाबूराम की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। राजमिस्त्री की हत्या उसी के साथ काम करने वाले तीन श्रमिकों ने की थी।
नंदग्राम थाना प्रभारी प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने बताया कि हत्या के आरोपी सतीश, राजेंद्र व सोनू राजमिस्त्री बाबूराम के साथ काम करते थे। पूछताछ में सतीश ने बताया कि उनके गांव के ही रहने वाले नौरंग के दामाद अमित का गाजियाबाद में मकान बन रहा था। नौरंग का बेटा यानी अमित का साला बाबूराम (37) यहां राजमिस्त्री का काम कर रहा था। सतीश ने बताया कि वह करीब दो महीने से बाबूराम के साथ काम कर रहे थे और वह आए दिन उनसे गाली-गलौज करता रहता था। वारदात के दिन भी उसने गाली-गलौज की और अगले दिन तीनों को काम से निकालने की धमकी भी दी।
राजेंद्र ने विरोध किया तो बाबूराम ने उसके सीने पर लात मार दी। सभी मजदूरों से लड़ाई करने के बाद बाबूराम सो गया। इसके बाद सतीश ने पैर और सोनू से हाथ पकड़े। राजेंद्र ने पास में पड़ी ईंट के टुकड़े से बाबूराम के ऊपर इतने वार किए कि उसकी मौत हो गई। वारदात करके सारे मजदूर वहां से भाग निकले। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त ईंट बरामद कर ली है।
पत्नी बच्चों से रहते थे अलग
बाबूराम की शादी 2010 में हुई थी। उसकी दो बेटियां हैं। बाबूराम की पत्नी उसे छोड़कर दोनों बेटियों को लेकर अपने प्रेमी के पास चली गई लेकिन बाबूराम सबसे बड़ी बेटी को वहां से ले आए, जो भोजपुर में अपने दादा के पास रहती है।