नई दिल्ली। भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और जहरीले भाषण देने के आरोपी जाकिर नाइक को कतर की सरकार ने फुटबॉल वर्ल्ड कप के दौरान इस्लामिक उपदेश देने के लिए बुलाया है। । जाकिर नाइक कतर पहुंच गया है और इस्लाम का प्रचार करने में जुट गया है। कतर पहला मुस्लिम देश है जिसने फीफा विश्वकप का आयोजन किया है। फीफा वर्ल्ड कप में भगोड़ा जाकिर नाइक को बुलाए जाने का भाजपा ने विरोध किया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस मामले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि भारत इस मुद्दे को जरूर उठाएगा।
अमेरिका के वॉशिंगटन स्थित प्रतिष्ठित संस्था मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक कतर ने दवाह से जुड़े इस्लामिक धार्मिक लेक्चर के लिए जाकिर नाइक को बुलाया है। दवाह एक इस्लामिक प्रथा है जिसके तहत गैर मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन कराया जाता है और उन्हें इस्लाम को अपनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। संस्था ने कहा कि ऐसा लगता है कि मिशन दवाह फीफा वर्ल्ड कप के दौरान कतर का एक अघोषित लक्ष्य है।
दरअसल, फुटबॉल देखने के लिए लाखों की तादाद में फैन्स पहुंच रहे हैं और कतर इसका इस्तेमाल धर्म परिवर्तन कराने के मौके के रूप में देख रहा है। जाकिर नाइक गैर मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में भारत में वांछित है। जाकिर नाइक इन दिनों मलेशिया में शरण लिए हुए है। जाकिर नाइक के कनाडा और ब्रिटेन में प्रवेश पर पहले ही प्रतिबंध लगा हुआ है।
गौरतलब है कि भारतीय गृह मंत्रालय ने 17 नवंबर को जाकिर नाइक के NGO इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर 5 साल के लिए बैन लगाया था, जो 17 नवंबर को खत्म होने वाला था। बैन खत्म होने वाले दिन ही सरकार ने बैन की अवधि 5 साल बढ़ा दी है। यानी अब 2026 तक इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर बैन लगा रहेगा।
NGO पर बैन क्यों बढ़ाया गया?
सरकार ने बैन बढ़ाने के पीछे कहा है कि इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन ऐसी गतिविधियों में शामिल है जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इससे देश की शांति, सांप्रदायिक सद्भाव और धर्मनिरपेक्षता पर खतरा है।
साथ ही गृह मंत्रालय ने कहा कि नाइक के बयान आपत्तिजनक और विध्वंसक हैं और उनके जरिए वह धार्मिक समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा दे रहा है। नाइक भारत और विदेशों में एक खास धर्म के युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा है।
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