छावला गैंगरेप मर्डर केस: उपराज्यपाल ने दी रिव्यू पिटिशन दायर करने की अनुमति

दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल ने 2012 में दुष्कर्म और हत्या के एक मामले में तीन दोषियों को बरी करने के खिलाफ दिल्ली सरकार द्वारा एक पुनर्विचार याचिका दायर करने की मंजूरी दे दी है। फरवरी, 2012 को द्वारका के छावला में एक 19 वर्षीय महिला के साथ हुए जघन्य बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में तीन आरोपियों को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी।जिसे हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को दिए गए अपने फैसले में तीनों आरोपियों को बरी कर दिया था।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने मामले में दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को नियुक्त करने की भी मंजूरी दे दी है। एलजी ने तीनों आरोपियों को बरी करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने को मंजूरी दे दी है।

तीनों को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी, जिसे दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 फरवरी, 2012 को छावला, दिल्ली में 19 वर्षीय एक महिला के साथ जघन्य बलात्कार और हत्या के मामले में बरकरार रखा था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सजा के खिलाफ अपील की थी कि 7 नवंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों को रद्द करते हुए तीनों आरोपियों को बरी कर दिया था।

गौरतलब है कि पीड़िता का दिल्ली के छावला इलाके से अपहरण करने के बाद गैंगरेप और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी। उसका शव हरियाणा के एक गांव के खेत में क्षत-विक्षत हालत में मिला था। उस पर चोट के कई निशान थे, चोटें कार के औजार और अन्‍य वस्‍तुओं से हमले के कारण आई थी। दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2014 में तीन लोगों को 2012 में 19 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार करने और उसकी हत्या करने के लिए दोषी ठहराया और उन्हें मौत की सजा सुनाई थी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, 9 फरवरी 2012 को तीन आरोपी रवि कुमार, राहुल और विनोद ने पीड़िता का अपहरण कर लिया था। पीड़िता अपने पड़ोस में रहने वाली सहेलियों के साथ घर लौट रही थी। पीड़िता को कथित तौर पर हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रोधई गांव में लगभग 30 किमी दूर एक सरसों के खेत में ले जाया गया था। यहां तीनों ने बारी-बारी से उसके साथ बलात्कार किया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, अपराध प्रकृति में क्रूर था क्योंकि उन्होंने पहले महिला का अपहरण किया, उसके साथ बलात्कार किया, उसकी हत्या की और उसके शव को हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रोधई गांव में खेत में फेंक दिया।

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