बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर बनें इजराइल के प्रधानमंत्री, पीएम मोदी ने दी बधाई

यरुशलम। बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर इजराइल के प्रधानमंत्री बन गए हैं। उन्होंने चुनाव में शानदार जीत हासिल की है। नेतन्याहू के नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी दलों के गठबंधन ने संसद में बहुमत हासिल कर लिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें ट्वीट कर बधाई दी।

नेतन्याहू के भारत से अच्छे रिश्ते रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें जीत की बधाई दी है। उन्होंने लिखा- चुनावी जीत पर ‘मेरे दोस्त’ नेतन्याहू को बधाई। हम मिलकर भारत-इजरायल स्ट्रैटिक पार्टनरशिप को आगे ले जाएंगे। 5 साल पहले नेतन्याहू प्रधानमंत्री रहते भारत आए थे। तब PM नरेंद्र मोदी प्रोटोकाल तोड़कर उन्हें रिसीव करने एयरपोर्ट गए थे। इसी साल वे इजराइल दौरे पर गए थे। मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने इजराइल की यात्रा की थी। दोनों एक दूसरे को दोस्त बता चुके हैं। अब नेतन्याहू के प्रधानमंत्री बनने पर भारत और इजराइल, दोनों देश आतंकवाद, टेक्नोलॉजी और ट्रेड पर एक साथ काम कर सकते हैं। दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी हो सकता है।

इजराइल के लोगों ने देश में राजनीतिक गतिरोध को तोड़ने के लिए मंगलवार को चार साल में अभूतपूर्व 5वीं बार मतदान किया। केंद्रीय निर्वाचन समिति के ताजा आंकड़ों के अनुसार, नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 31 सीट, प्रधानमंत्री याइर लापिड की येश अतीद को 24, रिलीजियस जियोनिज्म को 14, नेशनल यूनिटी को 12, शास को 11 और यूनाइटेड टोरा जुदाइस्म को 8 सीटें प्राप्त हुईं। नेतन्याहू के नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी गुट ने 120 सदस्यीय संसद में 64 सीट जीतकर बहुमत हासिल कर लिया।

इसके बाद इजराइल के प्रधानमंत्री याइर लापिड ने चुनाव में हार स्वीकार कर ली और विपक्षी नेता बेंजामिन नेतन्याहू को फोन कर चुनावी जीत पर बधाई दी। लापिड ने ट्वीट किया, “इजराइल की संकल्पना किसी भी राजनीतिक विचार से ऊपर है। मैं नेतन्याहू को इजराइल और यहां के लोगों के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”

इजराइल में वर्षों तक नेतन्याहू राजनीतिक रूप से अजेय प्रतीत हो रहे थे लेकिन 2021 में पार्टियों के एक अभूतपूर्व गठबंधन द्वारा सत्ता से बाहर किए जाने के बाद उन्हें एक करारा झटका लगा था। इस गठबंधन का एकमात्र लक्ष्य उन्हें सत्ता से बाहर करना था। 73 वर्षीय नेतन्याहू पर इजराइल में 2019 में रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोप लगने के बाद से राजनीतिक गतिरोध चला आ रहा है।

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