मोरबी। गुजरात के मोरबी शहर में मच्छू नदी पर बने केबल पुल टूटने से 135 लोगों की जान चली गई। इस मामले पर राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए नगरपालिका अधिकारी संदीप सिंह जाला को निलंबित कर दिया है। इससे पहले गुरुवार को पुलिस ने उनसे चार घंटे तक पूछताछ की थी। उनसे पुल के मरम्मत कार्य के लिए गुजरात स्थित घड़ी निर्माता कंपनी ओरेवा के साथ किए गए समझौते को लेकर सवाल पूछे गए थे।
गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे मामले में पुलिस कार्रवाई में जुटी हुई है। मोरबी शहर के नगर निकाय प्रमुख से पुलिस ने कल चार घंटे तक उनसे पूछताछ की थी। इस दौरान नगर निगम के चीफ संदीप सिंह जाला से पुल के नवीनीकरण के लिए घड़ी निर्माता ओरेवा के साथ किए गए समझौते को लेकर सवाल किए गए थे। कोर्ट में जमा किए दस्तावेजों से पता चलता है कि ब्रिज का मरम्मत कार्य जिस ठेकेदार को सौंपा गया था वह ऐसे काम के लिए योग्य नहीं थे।
उप-ठेकेदार ने केवल केबलों को पेंट और पॉलिश किया। जंग लगी जंजीरों को बदला नहीं गया। जिसकी वजह से हादसा हो गया। ओरेवा कंपनी इस कार्य के लिए पूरी तरह अयोग्य थी। इससे पहले 2007 में भी कंपनी को मरम्मत का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था।
इस हादसे के बाद पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। लोकल कोर्ट ने उन 9 लोगों में से चार को तो 5 नवंबर तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया है बाकी 5 को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। वहीं, गुजरात सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए SIT का गठन कर दिया था।
खुद को पाक-साफ साबित करे गुजरात सरकार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुजरात में मोरबी पुल हादसे की जांच को लेकर सवाल खड़े करते हुए गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गुजरात सरकार लापरवाही भरी जांच की प्रक्रिया पर खुद को पाक-साफ साबित करे।