निगम वार्डों के परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र को भेजा नोटिस, कांग्रेस ने लगाए थे आरोप

दिल्ली। दिल्ली में नगर निगम वार्डों के परिसीमन के संबंध में जारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने परिसीमन प्रक्रिया में वैधानिक नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए यह याचिका दायर की है।

याचिकाकर्ता डीपीसीसी के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने एमसीडी वार्डों के परिसीमन संबंधी केंद्र की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि केंद्र की 17 अक्तूबर को जारी अधिसूचना को रद्द किया जाए। एमसीडी वार्डों का तय फॉर्मूले के मुताबिक नए सिरे से वार्ड परिसीमन और हर वार्ड का आबादी अनुपात बराबर करने की मांग की है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी का कहना है कि आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार ने परिसीमन रिपोर्ट को ड्राफ्ट रिपोर्ट की तरह जस का तस ही बनाकर जनता के सामने पेश कर दिया। दिल्ली कांग्रेस ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस ने ड्राफ्ट परिसीमन की गहन समीक्षा करके चुनाव आयोग के समक्ष 168 शिकायत/सुझाव जमा किए थे, लेकिन चुनाव आयोग ने उन पर कोई विचार नहीं किया और गृह मंत्रालय को भेज दिया। कांग्रेस का आरोप है कि परिसीमन रिपोर्ट पूरी तरह भाजपा और आम आदमी पार्टी की रिपोर्ट है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि परिसीमन में 22 वार्ड कम किए हैं, उसके लिए सभी 70 विधानसभाओं का स्वरुप बदलना किसी न किसी साजिश के तहत किया गया है। परिसीमन में दलित और अल्पसंख्यक बहुल वार्डों में उनकी जनसंख्या को छिन्न-भिन्न करके इन समुदायों को कमजोर करके इनके वोट के महत्व को खत्म करने की कोशिश की गई है। साथ ही अल्पसंख्यकों की जनसंख्या को विधानसभा के अंदर इस प्रकार से समायोजित किया है ताकि यह समुदाय चुनाव में निर्णायक भूमिका न निभा सके।

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