नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी को आज अपना नया अध्यक्ष मिल गया है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे जीत गए हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे को 7897 और शशि थरूर को 1000 वोट मिले। वहीं 416 वोट निरस्त कर दिए गए।
80 साल के खड़गे ने शशि थरूर को बड़े अंतर से अध्यक्ष चुनाव में पराजित किया है। चुनाव से पहले ही माना जा रहा था कि खरगे आसानी से चुनाव जीत जाएंगे। खरगे को गांधी परिवार का पूरा साथ था। थरूर ने खरगे से करारी हार को स्वीकार करते हुए पार्टी के नए अध्यक्ष को बधाई दी ही। थरूर ने कहा कि वह परिणाम को स्वीकार करते हैं। थरूर खरगे को बधाई देने के लिए उनके घर भी पहुंचे थे।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष के उम्मीदवार शशि थरूर की टीम ने वोटिंग प्रक्रिया पर सवाल उठा दिया है। इसको लेकर टीम ने कांग्रेस केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री से शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि यूपी में वोटिंग के दौरान चुनावी प्रक्रियाओं का सही से पालन नहीं किया गया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के सभी वोटों को रद्द किया जाए।
गांधी परिवार के वफादार
खड़गे गांधी परिवार के शुरू से वफादार रहे हैं। छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले खड़गे ने एक लंबी पारी यूनियन पॉलिटक्स की भी खेली। साल 1969 में वह एमएसके मिल्स एम्प्लॉयीज यूनियन के कानूनी सलाहकार बन गए। वह संयुक्त मजदूर संघ के एक प्रभावशाली नेता थे, जिन्होंने मजदूरों के अधिकारों के लिए किए गए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया।
80 वर्षीय खड़गे का जन्म कर्नाटक के बीदर जिले के वारावत्ती इलाके में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने गुलबर्गा के नूतन विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और गुलबर्गा के सरकारी कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। फिर गुलबर्गा के ही सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज से एलएलबी करने के बाद वकालत करने लगे। साल 1969 में उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा और 1972 में पहली बार कर्नाटक की गुरमीतकल असेंबली सीट से विधायक बने। खड़गे गुरमीतकल सीट से नौ बार विधायक चुने गए। इस दौरान उन्होंने गुंडूराव, एसएम कृष्णा और वीरप्पा मोइली की सरकारों में विभिन्न विभागों में मंत्री का पद भी संभाला। वह दो बार गुलबर्गा से कांग्रेस के लोकसभा सांसद भी रहे हैं।