इटावा। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन की खबर से दुखी होकर महाराजगंज से अकेले सैफई के लिए निकलने वाले 10 वर्षीय समर्थक नवरत्न से अखिलेश यादव ने मुलाकात की। अखिलेश ने उसे अच्छे स्कूल में पढ़ने की सलाह दी और वादा किया कि पढ़ाई का पूरा खर्च वह खुद उठाएंगे। अखिलेश ने कहा कि पहले पढ़ लो फिर नेता बनना।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नन्हें समर्थक को गाड़ी भेजकर सैफई बुलवाया। शनिवार की सुबह नौतनवा के पूर्व विधायक मुन्ना सिंह नन्हें समर्थक को लेकर यहां पहुंचे। कुछ ही देर में उसको अखिलेश यादव के सामने ले जाया गया तो उसने हाथ जोड़कर प्रणाम किया। साथ ही पास में रखे मुलायम सिंह यादव के चित्र पर पुष्प अर्पित करके चित्र को हाथ से छूकर अपने माथे से लगाया, इस दौरान उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े।
अखिलेश यादव ने इस नन्हें समर्थक तक काफी देर तक बातचीत की और उसको कोठी में ही खाना खिलाया गया। अखिलेश यादव ने पूछा अब क्या इरादा है उसने कहा कि वह नेता बनना चाहता है, इस पर अखिलेश ने कहा कि पहले अच्छे स्कूल में खूब पढ़ो और पढ़ाई का खर्च हम उठायेंगे, पढ़ने के बाद नेता बनना। एक तरफ अपने नेता को खोने का गम था तो दूसरी ओर उसके चेहरे पर अखिलेश यादव से मिलने की खुशी भी दिखायी दे रही थी।
दरअसल महाराजगंज जिले के नौतनवा विधानसभा के गांव मल्हनी फुलवरिया के रहने वाले 10 साल के बच्चे नवरत्न को जैसे ही समाजावदी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह के निधन की खबर मिली। वह अकेले ही बिना घर वालों को बताए सैफई के लिए रवाना हो गया। बच्चा इटावा तक पहुंच गया था लेकिन किसी ने उसको गलत रास्ता बता दिया। जिसके बाद वो भटककर कानपुर पहुंच गया था।
कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर जीआरपी ने उसे अकेला देखकर पूछताछ की थी। इस पर उसने मुलायम सिंह यादव के निधन से दुखी होने और नेताजी के अंतिम दर्शन करने सैफई जाने की जानकारी दी थी। उसने खुद को मुलायम सिंह यादव सच्चा समर्थक बताया था। बच्चे का एक वीडियो भी सामने आया था। जिसमें बच्चा मुलायम सिंह को आखिरी बार देखने की बात कह रहा था।
कक्षा पांच का छात्र है नवरत्न
10 वर्षीय नवरत्न गरीब परिवार का है। वह गांव के ही कंपोजिट विद्यालय में पांचवीं का छात्र है। उससे बड़ी दो बहने हैं और एक छोटा भाई। पिता सिकंदर खेती-मजदूरी करते हैं, जबकि मां पुष्पा देवी गृहिणी हैं। विधानसभा चुनाव में साइकिल में सपा का झंडा बांधकर प्रचार भी किया है।