ग्रेटर नोएडा। वेस्ट स्थित पैरामाउंट इमोशंस हाउसिंग सोसायटी में मंगलवार की रात एक दस वर्षीय बच्चे के लिफ्ट में फंसने का मामला सामने आया है। बच्चा करीब 45 मिनट तक लिफ्ट में फंसा रहा। काफी देर इधर-उधर तलाश करने के बाद परिजनों का ध्यान लिफ्ट पर गया तो बच्चा अंदर मिला। तब उसे बाहर निकाला गया। देर रात सोसाइटी में काफी हंगामा हुआ। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत कराया।
अजय अपने परिवार के साथ सोसाइटी के टावर यू की छठीं मंजिल पर रहते हैं। मंगलवार की रात उनका 11 साल का बेटा अपने दोस्त के पास गया था। दोस्त टावर-एस के 16वीं मंजिल पर रहता है। पिता ने बताया कि रात करीब 11 बजे बेटे के दोस्त के पिता के पास फोन किया तो पता चला कि वह निकल गया है और पांच मिनट में आ जाएगा, लेकिन 15 मिनट बाद भी वह नहीं पहुंचा। पीड़ित स्वजन ने साढ़े 11 बजे घर जाने के लिए बच्चे को इधर-उधर देखा, लेकिन बच्चा नहीं मिला। काफी तलाश करने के बाद भी बच्चा नहीं मिला तो सोसायटी के लोगों में हड़कंप मच गया। सूचना पुलिस के साथ बिल्डर प्रबंधन को दी।
आखिर में टावर एस में बेटे के दोस्त के घर पहुंचा तो उन्होंने बताया कि बेटे को लिफ्ट में बैठा दिया था। उसके बाद लिफ्ट देखी तो वह 15वें व 16वें फ्लोर के बीच में अटकी थी। लिफ्ट के पास जाकर देखा तो बेटा उसके अंदर फंसा हुआ था। उसके बाद सोसाइटी की मेंटेनेंस टीम को सूचना दी गई। करीब 45 मिनट बाद बेटे को लिफ्ट के अंदर से बाहर निकला गया।
मामले में सुरक्षा गार्ड की लापरवाही सामने आई है। बच्चा लगातार लिफ्ट में चीख रहा था। लिफ्ट में सीसीटीवी कैमरा भी लगा है। जिसका दृश्य टावर में लगी स्क्रीन पर प्रदर्शित होता है, लेकिन गार्ड कानों में ईयर फोन लगाकर मोबाइल पर वीडियो देखने में मशगुल था। इस कारण उसने अलार्म की आवाज नहीं सुनी और ना ही सीसीटीवी फुटेज देखी। इस बात को लेकर सुरक्षाकर्मियों के साथ काफी कहासुनी भी हुई। उसके बाद पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने निवासियों को शांत कराया और सुरक्षाकर्मियों को फटकार लगकर व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए।