नई दिल्ली। गुजरे जमाने की बेहतरीन अदाकारा आशा पारेख को भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान ‘दादा साहेब फाल्के’ पुरस्कार से शुक्रवार को सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने यहां विज्ञान भवन में आयोजित 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में 79 वर्षीय आशा पारेख को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया।
राष्ट्रपति ने सिनेमा जगत की जानी-मानी हस्ती को बधाई देते हुए कहा कि पारेख को दिया गया यह पुरस्कार ‘अदम्य नारी शक्ति’ के लिए भी सम्मान है। मुर्मू ने कहा, ‘मैं 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के सभी विजेताओं को बधाई देती हूं। मैं दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित की गई आशा पारेख जी को विशेष बधाई देती हूं। उनकी पीढ़ी की हमारी बहनों ने कई बाधाओं के बावजूद विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई।’ दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की पांच सदस्यीय चयन समिति ने सम्मान के लिए पारेख का चयन किया। इस समिति में आशा भोंसले, हेमा मालिनी, पूनम ढिल्लों, उदित नारायण और टीएस नागभरण शामिल हैं।
वहीं आशा पारेख ने कहा, ‘हमारा फिल्म जगत सबसे अच्छी जगह है। और मैं इस जगत में युवाओं को दृढ़ता, दृढ़ संकल्प, अनुशासन और जमीन से जुड़े रहने का सुझाव देना चाहती हूं, और मैं आज रात पुरस्कार पाने वाले सभी कलाकारों को बधाई देती हूं।’
उन्होंने कहा कि 80 साल में यह सबसे बेहतरीन गिफ्ट है। अवॉर्ड ऐसे समय आया है ये अवॉर्ड कि बहुत ही अच्छा लग रहा है। ऐसा लग रहा है कि मेरी सारी तमन्नाएं पूरी हो गई हैं। एक्ट्रेस का कहना है कि जब उन्हें इसके बारे में पता चला तो पहले उनको यकीन ही नहीं हुआ कि उन्हें ये सम्मान दिया जा रहा है। लेकिन अब वाकई लगता है कि मुझे वो अवॉर्ड मिला है।
आशा पारेख ने दी कई हिट फिल्में
बता दें कि आशा पारेख ने कई हिट फिल्में देने के अलावा सेंसर बोर्ड अध्यक्ष की भी कमान संभाली थी। वह पहली महिला थीं जिन्हें सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष (1998 से 2001 के बीच) नियुक्त किया गया था। इतना ही नहीं उन्हें सिंटा (सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स असोसिएशन) का प्रेजीडेंट भी बनाया गया था।