वाशिंगटन। अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को 450 मिलियन डॉलर की मदद एफ-16 फाइटर जेट्स के रखरखाव के नाम पर दिए जाने की भारत ने तीखी आलोचना की है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इससे अमेरिका के हितों को कोई फायदा नहीं होगा। वहीं, अब अमेरिका ने कहा है कि वो भारत और पाकिस्तान, अलग अलग प्वाइंट्स पर वो दोनों अमेरिका के साझेदार हैं।
अमेरिकी एफ-16 पैकेज पर सवाल उठाते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि, “हर कोई जानता है कि एफ -16 लड़ाकू विमानों का उपयोग कहां और किसके खिलाफ किया जाता है। भारतीय-अमेरिकियों के साथ बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, “आप ये बातें कहकर किसी को बेवकूफ नहीं बना रहे हैं।”
विदेश मंत्री के बयान के बाद अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि, “हम पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को नहीं देखते हैं, और दूसरी तरफ, हम भारत के साथ भी अपने संबंधों को नहीं देखते हैं, एक दूसरे के संबंधों के साथ।” उन्होंने कहा कि, “ये दोनों हमारे साझेदार हैं, जिनमें से प्रत्येक में अलग-अलग बिंदुओं पर जोर दिया गया है”।
आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में बाइडेन प्रशासन ने पाकिस्तान को 450 मिलियन डॉलर के एफ-16 फाइटर जेट फ्लीट मेंटेनेंस प्रोग्राम को मंजूरी दी है और पिछले ट्रम्प प्रशासन के उस फैसले को उलट दिया है, जिसमें इस्लामाबाद को अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के लिए सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करने के लिए सैन्य सहायता को निलंबित कर दिया गया था। डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सैन्य सहायता रोक दी थी, लेकिन अब एक बार फिर से बाइडेन प्रशासन ने पाकिस्तान को हथियारों के लिए पैकेज का ऐलान किया है। वहीं
अमेरिका पहले भी पाकिस्तान को भारत के खिलाफ हथियार देता रहा है और अमेरिकी हथियारों के दम पर पाकिस्तान कश्मीर में आतंक फैलाता रहा है। वहीं, 1971 की भारत पाकिस्तान लड़ाई में तो अमेरिका ने पाकिस्तान की मदद के लिए अपनी सैन्य मदद भेज दी थी, जिसके बाद रूस ने भारत को मदद भेजी थी और अब एक बार फिर से अमेरिका अपना दोमुंहा रवैया दिखा रहा है।