चंडीगढ़। भारत में दान और गुप्त दान लोग खूब बढ़ चढ़कर करते हैं। ऐसे में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) चंडीगढ़ में एक डॉक्टर ने इंस्टीट्यूट को 10 करोड़ रुपए का गुप्त दान दिया है। दान देने वाले डॉक्टर पीजीआई के एक डिपार्टमेंट के एचओडी रह चुके हैं।
सेंटर ने अगस्त में 24 किडनी ट्रांसप्लांट किए थे और इनमें से एक मरीज डोनर का रिश्तेदार था। हालांकि संस्थान की ओर से कोई आधिकारिक बयान साझा नहीं किया गया है। पीजीआईएमईआर को मिला अब तक का सबसे बड़ा दान है। इससे पहले 50 लाख रुपये का गुप्त दान मिला था। पिछले तीन वर्षों में अस्पताल के गरीब रोगी कल्याण कोष के माध्यम से 9,000 से अधिक रोगियों का इलाज किया गया है।
सेंटर के प्रमुख डॉ आशीष शर्मा ने कहा कि किडनी ट्रांसप्लांट की न्यूनतम लागत 40,000 रुपये थी। कई मुश्किल मामलों में ये कीमत 2 लाख रुपये तक बढ़ सकती है। उन्होंने कहा, “अगर ब्लड ग्रुप असंगत है तो लागत बढ़कर 6 लाख रुपये हो जाती है।” रोगियों पर वित्तीय संकट यहीं समाप्त नहीं होता है। उनके जीवन भर की दवा की कीमत 1,200 से 15,000 रुपये प्रति माह है।
ट्रांसप्लांट वैसे भी आसान नहीं होता है। वर्तमान में, 2,600 किडनी फेल्योर के मरीज किसी डोनर की तलाश में कतार में खड़े हैं। यहां तक कि जिनके पास डोनर है उन्हें भी ट्रांसप्लांट के लिए कम से कम एक या दो महीने इंतजार करना पड़ता है। एक डॉक्टर ने कहा कि ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा कर रहे लोग अपने इलाज के लिए पीजीआईएमईआर के बाहर छोटा मोटा काम भी कर लेते हैं।