बागपत। उत्तर प्रदेश के मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने मस्जिदों को लेकर एक विवादित बयान दिया है। निषाद ने कहा है कि मंदिरों के पास स्थित सभी मस्जिदों को हटाया जाना चाहिए।
संजय निषाद ने अपने बागपत दौरे पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भारत में धार्मिक उन्माद फैला है और देश में जितनी मस्जिदें मंदिरों के पास बनी हैं, उन सब को हटाया जाना चाहिए। राज्य में मदरसों के सर्वे पर निषाद ने कहा कि आतंकवाद के साथ मदरसों का संबंध सामने आ चुका है और कई बार मदरसों से आतंकवादी भी पकड़े जा चुके हैं, इसलिए मुस्लिम धर्मगुरु मदरसों पर लगे दाग को धोने के लिए मदरसों के सर्वे का समर्थन करें।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार मदरसों के बच्चों को डॉ. और इंजीनियर बनाना चाहती हैं लेकिन यह मौलाना लोग इन्हें आतंकी बनाना चाहते हैं। मौलाना लोग सोचते हैं कि अगर मदरसों के बच्चें पढ़ लिख लेंगे तो उनका कहना नहीं मानेंगे और उत्पाद को मचाएगा। इसलिए मौलाना लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
निषाद ने आरोप लगाया कि विपक्ष मौलानाओं के साथ मिलकर धार्मिक उन्माद फैलाता था, दंगे कराता था, लेकिन जब से प्रदेश में योगी और केंद्र में (नरेंद्र) मोदी की की सरकार है, तब से दंगों पर अंकुश लगा है। मौलानाओं पर विवादित बयान देते हुए उन्होंने कहा कि देश में मौलानाओं ने गरीबी बढ़ाई है और इनके कारण मुस्लिम बच्चे शिक्षा से वंचित है। उन्होंने कहा कि मौलाना नहीं चाहते कि मुस्लिम बच्चे शिक्षित और जागरूक हो।
कौन हैं संजय निषाद?
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद को कुछ साल पहले तक निषाद (जिसे यूपी के कुछ जिलों में मल्लाह भी कहते हैं) समुदाय के लिए काम करने वाले समाजसेवी के रूप में जाना जाता था। वह पहली बार राष्ट्रीय तौर पर तब चर्चा में आए जब उन्होंने यूपी के सीएम और बीजेपी के कद्दावर नेता योगी आदित्यनाथ की सीट पर बीजेपी को हराने का संकल्प लिया और हराया। हालांकि, 2022 का विधानसभा चुनाव संजय निषाद ने बीजेपी के साथ ही मिलकर लड़ा और आज वह योगी सरकार में मंत्री हैं। संजय निषाद ने 2013 में अपनी निषाद पार्टी बनाई थी। नेता बनने से पहले तक संजय निषाद गोरखपुर में गीता वाटिका रोड पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी की एक क्लीनिक चलाते थे।