प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के नाम पर ठगी, दो सगे भाइयों समेत पांच गिरफ्तार

दिल्ली। प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के नाम पर ठगी करने वाले साइबर गैंग का दिल्ली पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। भारत सरकार की एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गैंग के 5 लोगों को गिरफ्तार किया, इनमे दो सगे भाई भी हैं। आरोपित विभिन्न शुल्क जमा कराने के नाम पर बैक खाते में रकम ट्रांसफर करवा लेते थे। लेकिन पीड़ितों को लोन नहीं मिलता था। इसके बाद उन्हें ठगी का पता चलता था।

रोहिणी जिले के डीसीपी प्रणव तयाल ने बताया कि एनसीआरपी पोर्टल पर हितेश नामक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि एक जून को उनके मोबाइल पर प्रधानमंत्री मुद्रा लोन संबंधित एक संदेश प्राप्त हुआ क्योंकि उन्हें रुपए की जरूरत थी। इसलिए उन्होंने उस मोबाइल नंबर पर कॉल किया, जहां एक महिला ने फोन उठाया। उस महिला ने बताया कि वह प्रधानमंत्री मुद्रा लोन विभाग से बोल रही है और पूरे 500000 रुपए तक लोन मिल सकते हैं।

इसके लिए उन्हें चार प्रतिशत वार्षिक ब्याज चुकाना होगा। इसके बाद हितेश ने दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर अपने अपने कागजात भेज दिए। दो जून को शिकायतकर्ता को पहले 510 प्रोसेसिंग चार्ज के नाम पर जमा करने को कहा गया, इसके बाद 5400 लोन एग्रीमेंट के नाम पर और बैंक खाते में जमा करा लिए गए। लेकिन काफी दिन बीत जाने के बाद उन्हें कोई लोन नहीं मिला तो उन्हें अपने साथ ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत की।

जांच की जिम्मेदारी साइबर पुलिस थाने के एसएचओ अजय दलाल के नेतृत्व में एसआई मनीष कुमार , भूपेंद्र , हेड कांस्टेबल अमन , पूनम आदि की टीम को सौपीं गई। टीम ने एसीपी ऑपरेशन ईश्वर सिंह की देखरेख में मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता चला पता चला कि ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले लोग मोती नगर के आसपास के हैं।

जिसके बाद पुलिस टीम ने 5 युवकों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान चांद नगर निवासी पंकज बरेजा, गगन बरेजा, सब्जी मंडी निवासी श्रेय रस्तोगी, बुराड़ी निवासी निशांत और जयपुर राजस्थान निवासी वरुण गौतम के रूप में हुई है। पंकज और गगन सगे भाई हैं।

पंकज ने बताया कि वह भोले भाले लोगों को प्रधानमंत्री मुद्रा मुद्रा लोन दिलाने के नाम पर झांसा देकर कई महीने से ठगी कर रहा था। इसके लिए उसने कॉल सेंटर खोल रखा था और सात लड़कियों को टेलीकॉलर के रूप में नियुक्त भी कर रखा था। जिसके आधार पर 17 मोबाइल फोन, 24 सिम कार्ड और पांच डेबिट कार्ड बरामद कर लिए गए।

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