मनोज तिवारी ने छठ पूजा को लेकर दिल्ली LG को लिखा पत्र, केजरीवाल पर हुए हमलावर

दिल्ली। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने एलजी वीके सक्सेना को पत्र लिखकर अधिकारियों को यमुना नदी की समय पर सफाई सुनिश्चित करने और दिवाली के बाद मनाए जाने वाले छठ त्योहार से पहले आवश्यक तैयारी सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की है।

भाजपा ने नेता ने दिल्ली उपराज्यपाल से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि इस वर्ष त्योहार पर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए, छठ पूजा का दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचल के निवासियों के जीवन में बहुत महत्व है। उन्होंने उनसे संबंधित विभागों को राष्ट्रीय राजधानी में पूजा ठीक से आयोजित करने का निर्देश देने के संबंध में भी लिखा है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि वह नदी की सफाई नहीं करने में अपनी विफलता को छिपाने के लिए पूर्वांचलियों के त्योहार को निशाना बना सकते हैं।

सांसद ने पत्र में कहा, “इस पत्र के माध्यम से, मैं पिछले साल छठ पूजा पर दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं, दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा किया गया ऐसा घिनौना कृत्य है जिससे कि दिल्ली में रहने वाले 50 लाख पूर्वांचल निवासी की आस्था का अपमान किया है। यह यमुना नदी के सच को छिपाने के इरादे से किया गया था जो दिल्ली सरकार की अक्षमता के कारण गंदी थी। साथ ही, महापर्व छठ स्वच्छता का प्रतीक है, और जो भक्त इसमें भाग लेते हैं त्योहार में पूजा शुरू करने से पहले खुद घाटों की सफाई करते हैं।”

उन्होंने कहा, ‘इस बार फिर जिस तरह आप अपने राजनीतिक स्वार्थ और अपने घोटालों को छिपाने के लिए हर दिन नए-नए झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रही है, यह सुनिश्चित करना होगा कि दिल्ली यमुना की सच्चाई को छिपाने के लिए अरविंद केजरीवाल एक बार फिर त्योहार को निशाना न बनाएं।”

मनोज तिवारी ने दिल्ली एल-जी को लिखे अपने पत्र में कहा “इसलिए कृपया यमुना की सफाई के लिए चलाई जा रही योजनाओं को गति प्रदान करें और मामले में हस्तक्षेप करें। साथ ही संबंधित विभाग के साथ-साथ उन अधिकारियों को भी उचित आदेश दें जो यमुना के किनारे छठ पूजा की व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होंगे।”

बता दें कि पिछले साल दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने कोविड महामारी के कारण छठ पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, बाद में उसने भाजपा के जोरदार विरोध के बीच यमुना को छोड़कर निर्दिष्ट घाटों पर त्योहार मनाने की अनुमति दी थी।

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