नई दिल्ली। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत दौरे पर हैं। शेख हसीना ने रोहिंग्या प्रवासियों को बांग्लादेश के लिए एक बड़ा बोझ बताया है। उन्होंने कहा कि दस लाख से अधिक रोहिंग्या प्रवासी बांग्लादेश पर बड़ा बोझ हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भारत प्रमुख भूमिका निभा सकता है और देश यह सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बात कर रहा है, ताकि वे अपनी मातृभूमि में लौट जाएं।
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि उन्हें लगता है कि भारत समस्या के समाधान में अहम भूमिका निभा सकता है। हसीना ने कबूल किया कि बांग्लादेश में लाखों रोहिंग्याओं की मौजूदगी ने उनके शासन के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी थीं। उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि ये हमारे लिए यह एक बड़ा बोझ है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में 11 लाख रोहिंग्या हैं। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अपने पड़ोसी देशों से भी परामर्श कर रहे हैं, उन्हें भी कुछ कदम उठाने चाहिए ताकि वे घर वापस जा सकें।
रोहिंग्या की घर वापसी जरूरी- शेख हसीना
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए विस्थापित समुदाय की देखभाल करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि मानवीय आधार पर हम उन्हें आश्रय देते हैं और सब कुछ प्रदान करते हैं। लेकिन इस COVID के दौरान हमने सभी रोहिंग्या समुदाय का टीकाकरण किया। लेकिन वे यहां कब तक रहेंगे? इसलिए वे शिविर में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नशीले पदार्थों की तस्करी, महिला तस्करी में लिप्त होते हैं और ये दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। इसलिए जितनी जल्दी वे स्वदेश लौटते हैं यह हमारे देश के लिए और म्यांमार के लिए भी अच्छा है।
‘रोहिंग्या की घर वापसी में बड़ी भूमिका निभा सकता है भारत’
पीएम शेख हसीना ने कहा कि हम उन्हें आगे बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, हम उनके लिए आसियान या संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अन्य देशों के साथ चर्चा कर रहे हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके देश ने रोहिंग्याओं को शरण देने की पेशकश की थी, जब वे कई परेशानियों का सामना कर रहे थे। हसीना ने कहा कि अब उन्हें अपने देश वापस जाना चाहिए। लेकिन एक पड़ोसी देश के रूप में भारत इसमें बड़ी भूमिका निभा सकता है, मुझे ऐसा लगता है। प्रधानमंत्री हसीना सोमवार से अपनी चार दिवसीय भारत यात्रा की शुरुआत करने वाली हैं।