हैदराबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नौसेना को आईएनएस विक्रांत सौंप दिया। इस आईएनएस एयरक्राफ्ट को पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है लेकिन एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी को आड़े हाथ लिया है। ओवैसी ने कहा कि हमे इस बारे में भी सोचना होगा कि हमे तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर की भी जरूरत है।
ओवैसी ने कहा कि अब जब आईएनएस विक्रांत को लॉन्च कर दिया गया है, हमे तीसरे कैरियर एयरक्राफ्ट के बारे में सोचना चाहिए लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी इजाजत नहीं दे रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है, अब उनके पास पैसा नहीं है। हमे 200 शिप की जरूरत है लेकिन हमारे पास मौजूदा समय में सिर्फ 130 शिप ही हैं।
गौर करने वाली बात है कि आईएनएस विक्रांत पर एयरक्राफ्ट की लैंडिंग का ट्रायल नवंबर माह में शुरू होगा और 2023 के के मध्य तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। इस लॉन्च के साथ ही भारत उन बड़े देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है जिनके पास स्वदेशी तकनीक से बना हुआ एयरक्राफ्ट है। भारत के अलावा अमेरिका, यूके, रूस, चीन और फ्रांस के पास बी स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है। भारत में आईएनएस विक्रांत में 76 फीसदी चीजें भारत में बनी हैं।
भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर की बात करें तो इसका नाम विक्रांत था। इसका इस्तेमाल 1971 के युद्ध में किया गया था। इस एयरक्राफ्ट ने पाकिस्तान के पनडुब्बी जहाज गाजी को भारत की ओर बढ़ने से रोक दिया था। इस जहाज को भारत ने 1961 में ब्रिटेन की रॉयल नेवी से खरीदा था। हालांकि 1997 में इसे सेवा से निवृत्त कर दिया गया था।