हताशा में झूठे आरोप लगा रहे हैं केजरीवाल, पीछे नहीं हटूंगा: उपराज्यपाल

केजरीवाल और वीके सक्सेना

दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के भ्रष्टाचार के आरोपों पर उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने एलजी के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर पत्र जारी कर आप सरकार को खूब खरी-खोटी सुनाई है। उपराज्यपाल ने अब तक अपने द्वारा उठाए कदमों को कर्तव्य करार दिया है।

उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि वह हताशा में विषय से भटकाने वाले तरीके अपना रहे हैं और झूठे आरोप लगा रहे हैं। उपराज्यपाल ने ट्वीट किया कि मैंने सुशासन की, भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की और दिल्ली की जनता के लिए बेहतर सेवा की वकालत की थी। लेकिन दुर्भाग्य से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हताशा में भटकाने वाले तरीके अपनाए और झूठे आरोप लगाए। उन्होंने ट्विटर पर जारी पत्र में कहा कि अगर आने वाले दिनों में भी उन पर और उनके परिवार के लोगों पर इस तरह के और बेबुनियाद निजी हमले होते हैं तो उन्हें हैरानी नहीं होगी। सक्सेना ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल को पता होना चाहिए कि मैं किसी भी परिस्थिति में संवैधानिक कर्तव्यों से विचलित नहीं होऊंगा। दिल्ली के लोगों के जीवन में सुधार के लिए मेरी प्रतिबद्धता अटूट है।

उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों के प्रति मेरे कर्तव्य ओर संविधान से बंधे होने के चलते मुख्यमंत्री केजरीवाल के सामने अहम मसलों को उठाया। इसमें आबकारी नीति में कई अनियमिताओं की बात है, जिसे खुद उनकी कैबिनेट ने वापस ले लिया है। इसके अलावा सीवीसी की रिपोर्ट पर 2.5 साल तक कार्रवाई नहीं करने, मुख्यमंत्री के बिना साइन वाली फाइलें मेरे पास भेजने व राज्य विश्वविद्यालयों का समय से सीएजी ऑडिट नहीं कराने जैसे कई अहम मामले शामिल हैं।

उपराज्यपाल ने कहा कि मुझे लगा था कि अरविंद केजरीवाल इनका समाधान सही तरीके से करेंगे, लेकिन दुर्भाग्यवश इस पर जो प्रतिक्रिया आई वो बचाव के लिए मुझ पर अपमानजनक व्यक्तिगत हमले के तौर पर आयी। उपराज्यपाल ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें लोगों को उस कला के बारे में बताना चाहिए, जिसमें चलन से बाहर किए गए 17 लाख रुपए के पुराने नोटों को 1400 करोड़ रुपए बना दिया गया। आप ने ऐसा ही दावा किया है, जबकि इस मामले में सीबीआई ने अपनी कार्रवाई की थी और ऐसा करने के लिए खादी भवन दिल्ली के दो कर्मचारियों को जिम्मेदार पाया था। बता दें कि सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल सरकार की अब वापस ली जा चुकी आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के मामले में जुलाई में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद दोनों के बीच रिश्तों में तनाव जारी है।

बता दें आप विधायक दुर्गेश पाठक ने दिल्ली विधानसभा में सक्सेना पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि उन्होंने 2016 में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल में चलन से बाहर हो चुके भारतीय मुद्रा के नोटों को बदलवाया था। आप ने इस मामले में 1,400 करोड़ रुपए का घोटाला होने का आरोप लगाते हुए सक्सेना के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी। उपराज्यपाल ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को झूठा और मानहानिकारक बताते हुए कुछ आप नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का भी फैसला किया है।

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