सीएम सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर खतरा, चुनाव आयोग ने राज्यपाल को सौंपी रिपोर्ट

रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है। चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने पर अपनी राय राज्यपाल को भेज दी है। आयोग ने यह राय सोरेन के पद पर होते हुए लाभ उठाने के आरोपों के आधार पर भेजी है

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने इस साल फरवरी में दावा किया था कि सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग किया और खुद को खनन पट्टा आवंटित किया, यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें हितों के टकराव और भ्रष्टाचार दोनों शामिल हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। विवाद का संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने मई में सोरेन को एक नोटिस भेजकर खनन पट्टे पर उनका पक्ष मांगा था।

पट्टे का स्वामित्व जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए का उल्लंघन
पट्टे का स्वामित्व जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए का उल्लंघन करता है, जो सरकारी अनुबंधों आदि के लिए अयोग्यता से संबंधित है। यह मामला अभी भी चुनाव आयोग के पास लंबित है। झारखंड हाई कोर्ट के समक्ष याचिका में खनन पट्टा देने में कथित अनियमितताओं और मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों से कथित रूप से जुड़ी कुछ मुखौटा कंपनियों के लेनदेन की जांच की मांग की गई थी। अदालत ने तीन जून को कहा था कि उसकी राय है कि रिट याचिकाओं को विचारणीयता के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता है और वह योग्यता के आधार पर मामलों की सुनवाई करेगा।

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