दिल्ली में 1000 रुपये में फर्जी मार्कशीट और डिग्री, 4 महिलाओं समेत 6 गिरफ्तार

प्रतीकात्मक चित्र

दिल्ली। दिल्ली में फर्जी शिक्षा केंद्रों पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। दिल्ली पुलिस ने ऐसे फर्जी एजुकेशन सेंटर का भंडाफोड़ कर दिया है जो छात्रों को फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां देता था। अब तक इस केस में 6 लोग गिरफ्तार किया जा चुके हैं।

बुधवार को पुलिस ने सूचना दी कि साइबर पुलिस को किलोकरी गांव के सनलाइट कॉलोनी में चल रहे फर्जी शिक्षा केंद्र के संबंध में गुप्त सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस टीम लोकेशन पर पहुंची। यहां चार महिलाएं फोन पर बातचीत कर रही थीं। जल्दी ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की गई। जिसके बाद इस पूरे खेल का पर्दाफाश हो गया।

खुलासा हुआ कि शिक्षा केंद्र चला रहे लोग, निर्दोष लोगों को बैक डेटेड मार्कशीट, डिग्री और मान्यता प्राप्त विभिन्न विश्वविद्यालयों की डिग्री देने का लालच देकर उनके साथ धोखाधड़ी कर रहे थे। पुलिस ने गिरफ्तार किये गये 6 आरोपियों के पास से छह मोबाइल फोन, लैपटॉप, प्रिंटर्स, फर्जी मार्कशीट, डिग्रियां, सर्टिफिकेट और रिकॉर्ड रजिस्टर बरामद किया है।

इसके अलावा Mountain Institute of Management and Technology के नाम पर एक पेमेंट स्लिप भी बरामद किया गया। गिरफ्तार की गई चार महिलाओं की पहचान गाजियाबाद की रहने वाली 26 साल की रेखा, 22 साल की पूनम, दीपिका और अमिता के तौर पर हुई है। यह तीनों दिल्ली की रहने वाली हैं। इनसे सख्त पूछताछ के बाद एजुकेशन सेंटर के 2 अन्य मालिकों को भी गिरफ्तार किया गया। इन दोनों की पहचान 25 साल के रेहान और 27 साल के कैफ के तौर पर हुई है।

पुलिस के मुताबिक, जांच के दौरान, यह पता चला है कि यह लोग योग्य उम्मीदवार का डेटा एक वेबसाइट से चुराते थे और उन्हें बिना परीक्षा में शामिल हुए ग्रेजुएशन से संबंधित डिग्रियां बैक डेटे में देने का लालच देते थे। वो लोग इसके लिए प्रति व्यक्ति 1000-2000 रुपये चार्ज करते थे।

यूपीआई या ऑनलाइन मोड के जरिए पैसे मिलने के बाद यह लोग किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियां उम्मीदवार को दिया करते थे। इनका रिकॉर्ड कभी भी यूनिवर्सिटी में अपडेट नहीं होता था। पकड़े गए लोगों के बैंक अकाउंट की जांच करने के पर लाखों रुपये के ट्रांजेक्शन का पता चला है। पुलिस का कहना है कि मामले में आगे की जांच जारी है। इनसे डिग्री लेने वाले उम्मीदवारों का डेटा जुटाने की कोशिश की जा रही है।

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