अन्नामय्या। एक रिटायर शिक्षिका को व्हाट्सएप लिंक को टैप करना भारी पड़ गया। लिंक पर टैप करते ही उन्हें 21 लाख का चूना लग गया। पुलिस के अनुसार शिक्षिका को व्हाट्सएप पर एक लिंक मिला था और उस लिंक पर क्लिक करने के बाद उसका बैंक अकाउंट हैक हो गया और उसके खाते से सारे पैसे निकाल लिए गए। मामला आंध्र प्रदेश का है।
अन्नामय्या जिले के मदनपल्ले शहर के रेडेप्पनईडू कॉलोनी की रहने वाली वरलक्ष्मी ने अपने साथ हुए साइबर फ्रॉड की जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें लगातार मैसेज आ रहे थे कि ‘पैसा काट लिया गया है’। इसलिए उसने बैंक अधिकारियों से संपर्क किया तो पता चला कि उसका खाता हैक कर लिया गया है और उसके खाते से 21 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं। वरलक्ष्मी ने शनिवार को साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस का कहना है कि व्हाट्सएप लिंक साझा करना और फिर ऐप उपयोगकर्ता का बैंक खाता हैक करना आम हो गया है। टू टाउन सर्कल इंस्पेक्टर मुरलीकृष्ण ने कहा कि साइबर अपराधी व्हाट्सएप नंबरों के लिंक भेज रहे थे और अकाउंट हैक कर रहे थे और उनके जरिए पैसे निकाल रहे थे।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “साइबर अपराधियों ने हाल ही में मदनपल्ले के एक सॉफ्टवेयर कर्मचारी ज्ञानप्रकाश के खाते से ₹12 लाख की चोरी की है। टू टाउन पुलिस ने शुक्रवार को इस घटना पर मामला दर्ज किया था। अगले ही दिन, एक शिकायत प्राप्त हुई थी कि ₹21 लाख चोरी हो गए थे। इसकी जांच चल रही है।”
वहीं, पिछले हफ्ते हरियाणा पुलिस की अपराध शाखा ने पंचकूला में एक गेमिंग कंपनी से साइबर धोखाधड़ी द्वारा कथित रूप से चुराए गए पैसे से शुरू किए गए ₹ 30 लाख से अधिक के लेनदेन को रोक दिया। पंचकूला की एक गेमिंग कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर ने हाल ही में साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई थी कि एक ऐप यूजर ने उनसे 35 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य अपराध शाखा, ओपी सिंह ने कहा, “14 अगस्त को कंपनी की खाता रिपोर्ट तैयार करते समय, यह पाया गया कि 11 अगस्त को एक उपयोगकर्ता के वॉलेट में ₹ 35 लाख की अनधिकृत जमा की गई थी, जिसे उपयोगकर्ता ने 12 और 13 अगस्त को अपने वॉलेट से अपने व्यक्तिगत खाते में ट्रांसफर कर दिया था।”
जैसे ही लेन-देन का पता चला, कायतकर्ता ने उपयोगकर्ता से बात की, जिसने पैसे देने से इनकार कर दिया और अपना फोन बंद कर दिया।उन्होंने कहा, “धोखाधड़ी का पता चलने के बाद, साइबर हेल्पलाइन 1930 पर एक शिकायत की गई थी। पीड़ित द्वारा 1930 को ‘गोल्डन ऑवर्स’ में तत्काल सूचना प्रदान करने के परिणामस्वरूप लेनदेन को फ्रीज करके धोखाधड़ी की राशि प्राप्त कर ली गई। इस संबंध में साइबर पुलिस स्टेशन, पंचकूला में एक शिकायत दर्ज की गई है और आगे की जांच जारी है।”