गाजियाबाद। पुलिस ने ब्रांडेड कंपनी के नाम से नकली हेलमेट बनाने वाली फैक्टरी का भंडाफोड़ किया है। दो लोगों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर फैक्टरी से 408 हेलमेट बरामद किए हैं। पकड़े गए युवक कम कीमत पर हेलमेट बेचने का काम करते थे।
रेलवे रोड के रहने वाले बिट्टू ने लोनी क्षेत्र के एक दुकानदार से पिछले दिनों हेलमेट खरीदा था। बिट्टू ने बताया कि दुकानदार ने बेचते समय उनको हेलमेट आइएसआइ मार्क बताया था। यह भी दावा किया गया था कि कंपनी का हेलमेट गिरने पर नहीं टूटेगा। इसी बीच बिट्टू फिसलकर कहीं गिर गए। हेलमेट मामूली रूप से ही जमीन पर लगा और टूट गया। इसके बाद बिट्टू हेलमेट सहित थाने पहुंचे और मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई।
थाना प्रभारी सतीश कुमार ने बताया कि बिट्टू की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी गई। कई संदिग्ध दुकानदारों को भी हिरासत में लिया गया। बाद में पुलिस मुख्य आरोपितों तक पहुंची।
छानबीन में पता चला कि बिहार के गोपालगंज स्थित बिरवट विजई गांव का मनोज यहां लोनी के इंदिरा एंक्लेव मोहल्ले में रहता है। उसके साथ बदायूं के उसेत थाना क्षेत्र स्थित नगासी गांव का गुड्डू जो दिल्ली के मयूर विहार में रहता है। दोनों लंबे समय से साथ मिलकर कई नामी कंपनियों के हेलमेट बनाने का काम कर रहे थे। दोनों ने अपनी हेलमेट बेचने की दुकान भी खोल रखी थी और वह आसपास की दुकानों पर भी इसकी सप्लाई करते थे।
आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उनके मकान से 50 से ज्यादा कार्टून जिसमें सैकड़ों हेलमेट, बना अधबना सामान और नकली रैपर बरामद हुए। आरोपितों के खिलाफ कापी राइट एक्ट समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। उनको कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।