जयपुर। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जयपुर में जमकर केंद्र सरकार और आरएसएस पर निशाना साधा। ओवैसी ने कहा कि वो दिन दूर नहीं जब श्रीलंका की तरह यहां भी हालात बन जाए। जनता प्रधानमंत्री आवास में घुस जाए। यहां तक की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी एआईएमआईएम प्रमुख के निशाने पर रहे।
जयपुर में आयोजित टॉक जर्नलिज्म के फाइनल सेशन में असदुद्दीन ओवैसी ने चर्चा की। इस दौरान उन्होंने भारत की श्रीलंका से तुलना की। उन्होंने कहा कि श्रीलंका की स्थिति खराब इसलिए हुई क्योंकि वहां की सरकार ने बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे का समाधान नहीं किया। अब भारत में भी लोग सड़क पर उतरने लगे हैं। किसान आंदोलन से लेकर अग्निवीर योजना तक का लोग विरोध कर रहे हैं। देखना एक दिन जैसे श्रीलंका में लोग राष्ट्रपति भवन में घुसकर बैठे थे, वैसे ही यहां प्रधानमंत्री आवास में घुस जाएंगे। लोग कहेंगे कि हमको नौकरी नहीं दी। मैं नहीं चाहता हूं की ऐसा हो, नहीं तो कल मुझपर यूएपीए लग जाएगा।
डोभाल बताएं कौन फैला रहा कट्टरता
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि अजीत डोभाल को बताना चाहिए कि देश में धार्मिक कट्टरता कौन फैला रहा है। एनएसए सभी को बताए कि कट्टरता फैलाने वाले ‘कुछ तत्व’ कौन हैं। वे बातें क्यों बना रहे हैं। बता दें कि अजित डोभाल ने विभिन्न धर्मों के नेताओं से धर्म और विचारधारा के नाम पर दुश्मनी पैदा करने की कोशिश कर रही कट्टरपंथी ताकतों का मुकाबला करने का आग्रह किया था।
आरएसएस को लेकर कही ये बात
आरएसएस प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा था कि ओवैसी अभी पूरी तक भारतीय नहीं बन पाए हैं। इंद्रेश कुमार के बयान पर ओवैसी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि जो एक जमाने में खुद समझौता ट्रेन ब्लास्ट मामले में आरोपी था, उससे सर्टिफिकेट लेने की मुझे आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कौन सी प्रार्थना बोली जाती है। संघ की शाखाओं में शपथ संविधान पर ली जाती है या किसी और पर यह भी जनता के सामने रखना चाहिए। उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड पर ओवैसी ने कहा कि हमने घटना की निंदा की है। हमारा मानना है कि जब कन्हैयालाल ने पुलिस को शिकायत दी थी, तब कार्रवाई करनी चाहिए थी।
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