गाजियाबाद। थाना क्षेत्र निवासी पूर्व विधायक असलम चौधरी के बेटे शाहनवाज और उसके साथियों द्वारा डॉ. यामीन चौधरी की जमीन पर कब्जा करने का मामला सामने आया है। वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। आरोप है कि शिकायत देने के बाद भी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की।
डॉ. यामीन का कहना है कि मसूरी में कृषि भूमि खसरा संख्या 838 और 840 पर उनकी जमीन है है। पूर्व में शाहनवाज जमीन पर कब्जा करने का प्रयास कर चुका है। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस अधिकारी और मुख्यमंत्री से की थी। शाहनवाज ने एक बार फिर उनकी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया। बुधवार देर रात शाहनवाज 20-25 मजदूरों को लेकर उनकी जमीन पर पहुंच गया और अवैध निर्माण कराने लगा। डॉ. यामीन को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने कब्जा करने से रुकवाया और उन्हें थाने ले आई, जहां से उन्हें बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया।
मसूरी थाना प्रभारी रविंद्र चंद पंत का कहना है कि दोनों पक्षों में जमीन को लेकर काफी समय से विवाद चला आ रहा है। बताया गया कि दोनों के बीच रुपये का लेनदेन भी हुआ है, जो किसी के पास लिखित रूप में नहीं है। मामले में प्राथमिक स्तर पर जांच की जा रही है। जमीन संबंधी मामले होने के कारण समाधान दिवस में दोनों पक्षों को बुलाकर अधिकारियों के सामने रखने का आश्वासन दिया गया है।
पूर्व विधायक असलम चौधरी ने बताया कि उनके बेटे ने डॉ. यामीन से करीब 800 गज जमीन खरीदी थी। इसके लिए उन्होंने बैंक खाते से सात लाख रुपये भी ट्रांसफर किए थे लेकिन यामीन इस बात से इनकार कर रहे हैं और जमीन का बैनामा नहीं कर रहे हैं। जिस जमीन के लिए उन्होंने सात लाख रुपये दिए थे, उस जमीन पर पूर्व में उनका कार्यालय बना था जो तोड़ दिया गया था। उसी जगह निर्माण कार्य कराया जा रहा था। जमीन कब्जाने का आरोप गलत है।