अहमदाबाद। गुजरात दंगा 2002 (Gujarat Riots 2002) से जुड़े मामले गुजरात एटीएस की टीम मुम्बई में तीस्ता सितलवाड़ के घर पहुंची है। फंड के दुरुपयोग के मामले में तीस्ता से पूछताछ होगी। बताया जा रहा है कि तीस्ता सितलवाड़ को अहमदाबाद भी लाया जा सकता है। एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था जितने लोग कानून का खिलवाड़ कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी में पीएम नरेंद्र मोदी समेत 55 राजनेताओं और अधिकारियों को मिली क्लीन चिट के खिलाफ जाकिया जाफरी ने याचिका दायर की थी। जिसे शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कानून का दुरपयोग करना ठीक नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी जांच की तारीफ की और तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि जितने लोग कानून का खिलवाड़ करते हैं उनके खिलाफ ऐक्शन लिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ का नाम भी लिया और कहा कि सीतलवाड़ के खिलाफ और जांच की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सह-याचिकाकर्ता और कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने याचिकाकर्ता जकिया जाफरी की भावनाओं का शोषण किया है। अदालत ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ की और जांच की जरूरत है क्योंकि वह अपने फायदे के लिए जकिया जाफरी की भावनाओं का इस्तेमाल कर रही थीं। न्याय की खोज के नायक अपने वातानुकूलित कार्यालय में एक आरामदायक वातावरण में बैठकर ऐसी भयावह स्थिति के दौरान विभिन्न स्तरों पर राज्य प्रशासन की विफलताओं को जोड़ने में सफल हो सकते है।
पीठ ने आगे कहा कि केवल राज्य की विफलताओं को जोड़कर उच्चतम स्तर पर आपराधिक साजिश के आरोपों का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। एक साजिश का आरोप तभी लगाया जा सकता है जब अपराध करने के लिए मन के अंदर का स्पष्ट सबूत हो।