साहब! मैं जिंदा हूं…’बेटे ने तो पति के साथ मुझे भी मार दिया’, महिला ने डीएम को सुनाई आपबीती

बुलंदशहर। यूपी के बुलंदशहर में 19 साल पहले कागजों में मर चुकी महिला अपने जिंदा होने का सुबूत देने मंगलवार सुबह जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गई। उसने डीएम से कहा कि बेटे ने मुझे मृत दिखाकर फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया है। यह सुनने के बाद जिलाधिकारी कार्यालय में मौजूद लोग भी आश्चर्यचकित रह गए।

अहार क्षेत्र के गांव दरावर निवासी कैलाशो देवी ने बताया कि जुलाई 2003 में उसके पति जगत सिंह की मौत के बाद पूरी संपत्ति उसके नाम पर आ गई थी। उस वक्त बड़ा बेटा 20 वर्ष का था, तीन अन्य बेटे नाबालिग थे। वर्ष 2007 में बड़े बेटे ने संपत्ति हड़पने के लिए फर्जीवाड़ा करते हुए पिता के साथ मां को भी 2003 में मरा हुआ दिखाकर मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया।

पिछले दिनों प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त करने वाले किसानों की सूची आई थी। उसमें जगत सिंह का भी नाम था। इसके बाद ग्राम प्रधान ने उससे पति का मृत्यु प्रमाण पत्र मांगा। जब वह मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए बड़े बेटे के पास गई तो उसने जल्दबाजी में पिता के बजाए मेरा मृत्यु प्रमाण पत्र दे दिया।

फोटोकॉपी कराने के दौरान दुकान संचालक और फिर ग्राम प्रधान ने बताया कि यह उसका मृत्यु प्रमाण पत्र है न कि उसके पति का। बड़े बेटे से इसका विरोध किया तो वह जान से मारने के लिए पीछे दौड़ा।

ग्रामीणों को इकट्ठा होते देख वह भाग गया। आरोप लगाया कि अब बड़ा बेटा अपने तीनों भाइयों की हत्या कर संपत्ति पर कब्जा करने की बात कर रहा है। डीएम ने मामले में एसडीएम को जांच के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी सीपी सिंह ने कहा कि जो भी दोषी होंगे जांच रिपोर्ट आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कैसे बन गया मृत्यु प्रमाण पत्र
कैलाशो ने कहा कि तत्कालीन ग्राम प्रधान, तत्कालीन ग्राम सचिव, लेखपाल और अधिकारी की मिलीभगत से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया गया है। उसके पास 26 बीघा जमीन है, जिसमें 18 बीघा जमीन उसके नाम पर है। फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर बड़ा बेटा जमीन अपने नाम करा लेगा।

उन्होंने बताया कि पति ने डिवाई क्षेत्र के दौलतपुर गांव में साझेदारी में ईंट भट्ठा लगाया था। डीएम से मांग की है कि ईंट भट्ठे में भी 25 प्रतिशत का हिस्सा है, उसमें भी छोटे बेटों को हिस्सा दिलाया जाए।

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