नई दिल्ली। भारतीय सेना में अग्निपथ योजना के तहत काम कर चुके युवाओं को प्रदेश सरकार पुलिस की नौकरियों में प्राथमिकता देगी। यह घोषणा भाजपा शासित तीन राज्यों ने कर दी है। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को जल, थल और वायुसेना में 4 साल के लिए अग्निवीरों की भर्ती की घोषणा की थी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस योजना में शामिल होने वाले युवाओं के भविष्य को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि “अग्निपथ योजना के अंतर्गत मां भारती की सेवा के उपरांत अग्निवीरों को राज्य सरकार उत्तराखंड पुलिस व अन्य सम्बंधित सेवाओं में प्राथमिकता प्रदान करेगी। प्रदेश के युवाओं के सर्वांगीण विकास व उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।
वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सेना से रिटायर होने वाले अग्निवीरों के राज्य में निकलने वाली भर्तियों में प्राथमिकता देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि इन युवाओं को यूपी पुलिस भर्ती और इससे संबंधित अन्य सेवाओं में प्राथमिकता दी जाएगी।
इसके अलावा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने योजना का स्वागत करते हुए कहा, ‘ऐसे जवान जो अग्निपथ योजना में सेवाएं दे चुके होंगे, उन्हें मध्यप्रदेश पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निपथ योजना युवाओं को सेना से जोड़ेगी और 45 हजार नौकरियां पैदा करेगी। उन्होंने कहा, ‘इस योजना को शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हृदय से धन्यवाद देता हूं। भारतीय सेना देश का गौरव है और देशवासियों का अभिमान है। भारतीय सेना के जवान हमारे हीरो हैं, रोल मॉडल हैं। युवाओं को भारतीय सेना से जोड़ने, देश की सीमाओं की सुरक्षा करने और भारत माता की एकता और अखण्डता की रक्षा करने के लिए अग्निपथ योजना प्रारंभ की गई है।’
केन्द्र सरकार ने की है बड़ी घोषणा
अधिक योग्य और युवा सैनिकों को भर्ती करने के लिए दशकों पुरानी चयन प्रक्रिया में बड़े बदलाव के संबंध में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे और चयन के लिए पात्रता आयु 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा। अग्निपथ योजना के तहत तीनों सेनाओं में साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल तक की उम्र के युवाओं की भर्ती की जाएगी। यह भर्ती चार साल के लिए होगी। 10वीं और 12वीं पास युवा आवेदन कर सकेंगे। अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा। इन अग्निवीरों की सेवा चार साल बाद खत्म हो जाएगी। अगर सेना में वैकेंसी होगी तो इनमें से कुछ युवाओं को योग्यता के आधार पर रिटेन किया जाएगा। योजना में नियमित सेवा के लिए हर बैच से 25 प्रतिशत सैनिकों को बरकरार रखने का प्रावधान किया गया है।