दिल्ली। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की मुसीबत बढ़ती जा रही है। सोमवार को उनके व उनके सहयोगियों के परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापामारी की। इस दौरान ईडी ने 2.82 करोड़ की अघोषित नकदी व सोने के 133 सिक्के जब्त किए हैं।
धन शोधन मामले की जांच के दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ छापेमारी कर 2.85 करोड़ रुपये की नकदी और सोने के 133 सिक्के जब्त किये गये हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। ईडी ने कहा कि सोमवार को जिन लोगों के खिलाफ छापेमारी की गई, ‘उन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर से धन शोधन में मंत्री की सहायता की।’
जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि ‘बिना ब्योरे वाली’ नकदी और सोने के सिक्कों को गुप्त स्थान पर रखा गया था। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री जैन को धन शोधन रोकथाम अधिनियम के अंतर्गत 30 मई को गिरफ्तार किया गया था और वह नौ जून तक ईडी की हिरासत में हैं। ईडी ने सोमवार को दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में एक ज्वेलर समेत सात परिसरों में तलाशी अभियान चलाया था।
इससे पहले ईडी ने अप्रैल में जांच के तहत सत्येंद्र जैन के परिवार और उनके स्वामित्व एवं नियंत्रण वाली कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। ईडी ने तब एक बयान में कहा था कि उसने पीएमएलए के तहत ”अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोसोल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, वैभव जैन की पत्नी स्वाति जैन, अजित प्रसाद जैन की पत्नी सुशीला जैन और सुनील जैन की पत्नी इंदु जैन से संबंधित 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क करने के लिए एक अस्थायी आदेश जारी किया था।
जांच में पाया गया कि 2015 और 2016 के दौरान जब सत्येंद्र कुमार जैन एक लोक सेवक थे, तब उनके स्वामित्व और नियंत्रण वाली कंपनियों को कोलकाता के एंट्री ऑपरेटर को हवाला के जरिए भेजी गई रकम के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये मूल्य के ट्रांजेक्शन मिले थे।
ईडी ने कहा था कि इन राशियों का उपयोग जमीन की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद को लेकर लिये गए ऋण की अदायगी में किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि कुर्की आदेश में नामित व्यक्ति जैन के सहयोगी और परिवार के सदस्य हैं।
जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला अगस्त 2017 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में दर्ज एफआईआर के बाद आया है। सीबीआई ने दिसंबर 2018 में एक आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि 2015-17 के दौरान कथित आय से अधिक संपत्ति का मूल्य 1.47 करोड़ रुपये था, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 217 प्रतिशत अधिक था। आयकर विभाग ने भी इन लेन-देन की जांच की थी और कथित रूप से जैन से जुड़ी ”बेनामी संपत्ति” को कुर्क करने का आदेश जारी किया था।