कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कई इलाकों में हिंसा भड़क गई थी। इस मामले में पुलिस मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी को गिरफ्तार कर लिया गया है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल के बाद से वह फरार हो गया था और पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
कानपुर का हयात जफर हाशमी मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैंस एसोसिएशन का अध्यक्ष है। हाशमी ने भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादास्पद टिप्पणी के विरोध में बाजार बंद का आह्वान किया था। आरोप है कि हाशमी ने लोगों को उकसाया, जिससे पथराव हुआ और दो समूहों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें कई पुलिस कर्मियों सहित 30 से अधिक लोग घायल हो गए।
बीते वर्षों में कानपुर में एनआरसी और सीएए को लेकर बवाल में भी उसकी भूमिका सामने आई थी। 21 अक्टूबर को उसने मूलगंज से मेस्टन रोड, शिवाला बाजार, रामनारायण बाजार होते हुए फूलबाग तक जुलूस ए मोहम्मदी निकाला था, जिसमें उसपर मुकदमा भी दर्ज हुआ था।
कुछ साल पहले हाशमी ने मकान खाली कराने के लिए अपनी मां और बहन को उकसाकर डीएम कार्यालय भेजा था, जहां उसके कहने पर मां-बेटी ने मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली थी। दोनों को गंभीर हालत में एलएलआर अस्पताल लाया गया था। उपचार के दौरान मां-बेटी की मौत हो गई थी।
लगातार जांच कर रही है पुलिस
प्राथमिकी में नामित अन्य आरोपियों में एहितशाम, जीशान, आकिब, निजाम, अजीजुर, आमिर जावेद, इमरान काले, यूसुफ मंसूरी शामिल हैं। 1,000 से अधिक अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दंगा और हिंसा को लेकर तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। पुलिस ने कहा कि रात भर की छापेमारी के बाद अब तक 35 गिरफ्तारियां की गई हैं, और वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के जरिए हिंसा में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है।