श्रीनगर में चार आतंकियों का सफाया, तीन दिन में 10 दहशतगर्द ढेर, मुदासिर की शहादत पर देश को गर्व

शहीद मुदासिर और उसके पिता

श्रीनगर। कश्मीर में सुरक्षाबलों के साथ-साथ अब आम लोगों को निशाना बना रहे आतंकवादियों पर सुरक्षाबलों का शिकंजा कसता जा रहा है। पिछले 10 घंटों के भीतर ही सुरक्षाबलों ने कश्मीर घाटी में दो विभिन्न मुठभेड़ों में लश्कर-ए-तैयबा के चार आतंकवादियों को मार गिराया। वहीं पिछले तीन दिनों के भीतर सुरक्षाबलों ने कश्मीर घाटी में हुई विभिन्न मुठभेड़ों में 10 आतंकियों को मार गिराया। क्रीरी इलाके के नाजीभट में हुई इस मुठभेड़ में पुलिसकर्मी मुदासिर भी शहीद हो गया। आतंकियों से लोहा लेते हुए शहादत देने वाले मुदासिर के पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है।

जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने बताया कि शुक्रवार तड़के कश्मीर के सौरा इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को मार गिराया गया। । उनके पास से हथियार और गोला-बारूद सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। कश्मीर घाटी में 3 दिनों में 10 आतंकी मारे गए हैं जिनमें जैश-ए-मोहम्मद के 3 और लश्कर-ए-तैयबा के 7 आतंकी शामिल हैं।

वहीं सैकड़ों लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले जम्मू-कश्मीर पुलिसकर्मी मुदासिर अहमद शेख के पिता अहमद शेख ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा कभी वापस नहीं आएगा, लेकिन उसने आतंकवादियों को बेअसर करके सैकड़ों लोगों की जान बचाई। अहमद शेख ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे से तीन दिन पहले आखिरी बार बात की थी।

जम्मू-कश्मीर के पुलिसकर्मी मुदासिर अहमद, बारामूला मुठभेड़ का हिस्सा थे। जिसमें मंगलवार को जैश-ए-मोहम्मद के तीन पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए थे। पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने बताया कि मुठभेड़ घाटी में सुरक्षा बलों द्वारा बनाए गए ‘नाकों’ में से एक पर हुई। उन्होंने बताया, ”बुधवार को पूरे कश्मीर में नाके थे। ऐसे ही एक नाके पर करेरी क्षेत्र के नजीभात चौराहे पर मौका मुआयना हुआ। तीन पाकिस्तानी जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी मारे गए।”

झेलम किनारे स्थित बारामुला पुलिस लाइन में गमगीन माहौल के बीच तिरंगे में मुदासिर अहमद शेख का पार्थिव शरीर पहुंचा तो अहमद शेख बेटे को आखिरी नमन करने आगे बढ़े। उनके आंखों से आंसू बह रहे थे। वह ताबूत से लिपट गए। फिर उठे और आंसुओं को पोंछ फक्र से सीना चौड़ा कर पास खड़े जवानों से कहा, आंसू न बहाओ, मेरा बेटा शहीद हुआ है, उसने हजारों जिंदगियां बचाई हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पता था मेरा बेटा वापस नहीं आएगा, लेकिन मुझे उसपर गर्व है।

Exit mobile version