लखनऊ। यूपी विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच तू-तड़ाक का मामला सुर्खियों में है। गुरुवार को इस पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने भावुक होकर कहा कि मेरे पिता नहीं हैं। अखिलेश यादव के इस बयान से मैं काफी आहत हूं। उन्होंने मेरे दिवंगत पिता पर टिप्पणी कर पिछड़ा वर्ग का अपमान किया है।
डिप्टी सीएम ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सदन में इस तरह का व्यवहार शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि मैंने तो सिर्फ उपनेता होने के नाते सदन में अपनी बात रखी थी लेकिन नेता प्रतिपक्ष का व्यवहार कहीं से भी संसदीय और शिष्टाचार के अनुरूप नहीं था।
क्या हुआ था सदन में?
बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम से पूछा था कि आपके जिले के मुख्यालय की सड़क किसने बनवाई? इस पर डिप्टी सीएम ने पिछली सपा सरकार को घेरते हुए कहा कि जो लोग सड़क, एक्सप्रेस-वे जैसी बातें करते हैं, ऐसा लगता है कि जैसे उन्होंने सैफई बेचकर ये सब करवाया हो।
डिप्टी सीएम के इस बयान पर भड़के अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि ‘तुम अपने पिजा जी से लाते हो ये सब बनवाने के लिए…’ इस पर सदन में माहौल काफी गर्म हो गया।
इस घमासान के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ को जवाब देना पड़ा। सीएम योगी ने कहा कि सदन में अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल सही नहीं है। आप और हम सब जनता के लिए विकास करते हैं, उप-मुख्यमंत्री सही बोल रहे थे। सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। सीएम ने कहा कि आप भाषा को लेकर असहमति जता सकते हैं। सदन में तू-तू, मैं-मैं नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री के प्रति इस तरह की भाषा गरिमापूर्ण नहीं होती। जिस तरह से आचरण करेंगे, उसका जवाब मिलना तय है। सहमति-असहमति हो सकती है, लेकिन असभ्य भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष की भी बहुत सारी बातें जिस पर आपत्ति कर सकते हैं, लेकिन इस सदन की गरिमा को हमने बरकरार रखा।