दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने गैंगस्टर नीरज बवाना के पिता की हत्या की साजिश नाकाम कर दी है। स्पेशल स्टाफ बाहरी उत्तरी जिला ने इस मामले में 2 शार्प शूटरों को हथियारों के साथ दबोचा है। ये दोनों शार्प शूटर नाबालिक हैं और इनके पास से हथियार और जिंदा कारतूस मिले हैं।
डीसीपी आउटर नार्थ बृजेन्द्र कुमार यादव के मुताबिक, एसीपी रिछपाल सिंह के सुपरविजन में स्पेशल स्टाफ एसआई परवीन, जगबीर, हेड कॉन्स्टेबल अनिल नरवाल, नरेंद्र, संदीप, कॉन्स्टेबल जितेंद्र, सोहित और मुकेश ने एक बड़ी खूनी गैंगवार को नाकाम कर दिया। फिर से अपना वर्चस्व स्थापित करने और जबरन वसूली रैकेट पर कमान संभालने के लिए नीरज बवानिया और जितेंद्र गोगी गैंग के गुर्गे एक दूसरे को निशाना बना रहे हैं।
हाल ही में सात मई को गोगी गैंग के टॉप गैंगस्टर कपिल उर्फ कल्लू के पिता ब्रह्म प्रकाश की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसमें नीरज बवानिया-टील्लू ताजपुरिया- परवेश मान गैंग का हाथ सामने आया। इस मामले को लेकर नरेला इंडस्ट्रियल एरिया में में केस दर्ज किया गया।
पुलिस को इनपूट मिला कपिल उर्फ कल्लू और जितेंद्र गोगी के सक्रिय सदस्य ब्रहमप्रकाश की हत्या का बदला लेने की प्लानिंग कर रहे हैं। कपिल और गोगी गैंग के सदस्यों ने दो नाबालिग शार्प शूटर को नीरज बवानिया के पिता को मारने के लिए तैयार किया। 23 मई को पुलिस ने हत्या की इस वारदात को अंजाम देने से पहले ही दोनों नाबालिग शार्प शूटर को पकड़ लिया। उनके पास से दो अत्याधुनिक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और 20 जिंदा कारतूस बरामद किए गए।
कौन है नीरज बवाना
करीब 16 साल पहले नीरज बवाना ने अपराध की दुनिया कदम रखा था. इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। दिल्ली एनसीआर में गैंगस्टर नीरज बवाना का नाम किसी खौफ से कम नहीं है। नीरज दिल्ली के बवाना गांव का रहने वाला है। वो अपने सरनेम की जगह अपने गांव का नाम लगाता है। जुर्म की दुनिया में इसी नाम से उसे जाना जाता है। नीरज के खिलाफ हत्या, लूट और जान से मारने की धमकी जैसे कई संगीन मामले दिल्ली और अन्य राज्यों में दर्ज हैं। नीरज बवाना इस वक्त दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।
बताया जाता है कि नीरज जेल में रहकर ही अपना गैंग चला रहा है। वहां बैठकर भी वो वारदातों को अंजाम देता है। दिल्ली और आस-पास के इलाकों में नीरज बवाना और दूसरे गैंग आमने-सामने आते रहते हैं। जेल में बंद नीरज के गुर्गे बीच सड़क पर खून बहाने से नहीं डरते। दुश्मन गैंग के लोगों को मारने से भी उन्हें कोई गुरेज नहीं है।
दिल्ली के बाहरी इलाके में कई छोटे-मोटे गैंग सक्रिय रहे हैं लेकिन नीरज बवाना का गैंग इस वक्त दिल्ली का सबसे बड़ा गैंग माना जाता है। नीरज भले ही तिहाड़ जेल में बंद है, लेकिन नीरज के गुर्गे जेल के बाहर उसके एक इशारे पर कोई भी वारदात को अंजाम दे सकते हैं।
नीरज बवाना गैंग के दुश्मनों की भी कमी नहीं है। कभी उसका साथी रह चुका सुरेन्द्र मलिक उर्फ नीतू दाबोदा ही नीरज का सबसे बड़ा दुश्मन था लेकिन नीरज ने उसके गैंग के खास बदमाशों को मार डाला।
24 अक्टूबर 2013 को दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में नीतू दाबोदा भी स्पेशल सेल के साथ मुठभेड़ में मारा गया। इसके बाद नीरज बवाना और मजबूत होता चला गया हालांकि इनकी दुश्मनी के दौरान दोनों गैंग के करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग मारे गए।
नीतू दाबोदा के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद उसके गैंग की कमान पारस उर्फ गोल्डी और प्रदीप उर्फ भोला ने संभाली थी। अप्रैल 2014 में रोहिणी कोर्ट परिसर में नीरज ने प्रदीप भोला की पेशी के दौरान हत्या का प्लान भी बनाया था लेकिन वो नाकाम हो गया था।
25 अगस्त 2015 में पुलिस नीरज बवाना को कोर्ट से जेल वापस लेकर जा रही थी। जेल वैन में नीरज के साथ नीतू गैंग के पारस और प्रदीप भी मौजूद थे। उसी वैन में ही नीरज ने अपने साथियों के साथ मिलकर पारस और प्रदीप को मार डाला था।
यही नहीं, अप्रैल 2017 में उसने रोहिणी जेल के बाहर नीतू गैंग के बदमाश राजेश धुरमूट को भी मरवा दिया था। अब नीतू गैंग की कमान राजेश बवानिया के पास है, जो खुद भी जेल में बंद है। अब गैंगस्टर नीरज उसे अपनी जान का दुश्मन मानता है।