25 साल के भाई ने 9 साल की बहन को किडनी देकर बचाया

दिल्ली। भाई-बहन का रिश्ता सभी के लिए अटूट होता है। भाई बहन की रक्षा के लिए तत्पर रहता है, अपनी जान की परवाह नहीं करता। उज्बेकिस्तान के एक भाई ने अपनी छोटी बहन को किडनी दान कर उसे नया जीवन प्रदान किया है।

25 वर्षीय कायुमोवा की छोटी बहन नौ वर्षीय लोला कायुमोवा जन्म से ही किडनी की बीमारी से पीड़ित थी। इसके अलावा कमजोर हड्डियों के कारण वह चलने-फिरने में भी असमर्थ थी। उज्बेकिस्तान में कई सालों तक चले लोला कायुमोवा का इलाज चला पर कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए। उधर, किडनी के ठीक से काम नहीं कर पाने के कारण हड्डियों में कैल्शियम की कमी हो गई।इसके अलावा पीड़िता एनीमिया की भी शिकार थी। इसी वर्ष 25 मार्च को वह अपने पिता के साथ अच्छे इलाज के लिए दिल्ली पहुंची और यहां आकाश अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के बाद पीड़िता में किडनी खराब होने की शिकायत सामने आई।

जांच में पता चला कि पीड़िता का भाई उसके लिए उपयुक्त किडनी डोनर है। 14 अप्रैल को सभी जरूरी टेस्ट करने के बाद किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। डोनर के शरीर पर कोई बड़ा निशान न रहे, इसके लिए डोनर नेफ्रोक्टोमी की सर्जरी लैप्रोस्कोपिक रूप से की गई।

हॉस्पिटल के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड और डायरेक्टर डॉ. विकास अग्रवाल ने कहा कि छोटी बच्ची किडनी फेलियर से पीड़ित थी। उसकी हालत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही थी। शुक्र है कि उसके भाई ने उसे किडनी डोनेट करने का फैसला किया। हमने ट्रांसप्लांट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह मुश्किलों से भरी सर्जरी थी, क्योंकि छोटे ब्लड वेसेल्स और पेट में कम जगह होने के कारण ऐसे छोटे बच्चे में किडनी ट्रांसप्लांट करना मुश्किल होता है।

डॉक्टर ने कहा कि एक पुरुष द्वारा एक महिला को किडनी दान करना बहुत ही रेयर होता है। वहीं एक भाई द्वारा अपनी बहन को किडनी दान करना करोड़ों में एक केस होता है। इस केस में भाई कायुमोवा अपनी बहन की जान बचाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध थे।

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