IAF अफसर रवि खन्ना को मारी थीं 27 गोलियां, पत्नी बोलीं- यासीन मलिक को पापों की सजा नहीं मिली

श्रीनगर। कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने दोषी करार दिया है। इस पर वायुसेना के अधिकारी रहे रवि खन्ना की पत्नी शालिनी उर्फ निर्मल खन्ना ने खुशी जाहिर की है और अपने पति को न्याय मिलने की उम्मीद जताई है।

यासीन मलिक ने 1990 में अन्य आतंकवादियों के साथ मिलकर वायु सेना अधिकारियों पर अंधाधुन गोलीबारी की थी, जिसमें चार अधिकारियों की मौत हो गई थी और 40 अन्य घायल हो गए थे। मरने वालों में स्क्वैड्रन लीडर रवि खन्ना भी थे। रवि खन्ना के शरीर पर 26 गोलियों के निशान थे। स्क्वैड्रन लीडर रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना ने यासीन मलिक के टैरर फंडिंग मामले में दोषी साबित होने के बाद कहा है कि स्क्वैड्रन लीडर रवि खन्ना का खून उसका पीछा कर रहा है। वह इस मामले में भी नहीं बचेगा। खून के बदले खून, जान के बदले जान। मैं इंतजार कर रही हूं। हमें भी न्याय मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘आखिर न्याय का पहिया घूमना शुरू हुआ है। अंत में यासीन मलिक का सत्य पूरे देश के सामने आएगा।’ उन्होंने कहा कि मुझे 100 फीसदी भरोसा है कि मेरे पति के मामले में भी न्याय होगा। मैं भारत की न्यायपालिका पर पूरा भरोसा रखती हूं। मुझे न्यायपालिका से बहुत कुछ मिला है। उन्होंने कहा, ‘बुरे कर्मों का नतीजा बुरा ही होता है। वायुसेना के 4 अफसर मारे गए थे। क्या फर्क पड़ता है यदि एक यासीन मलिक आज मर जाए? उसे भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहिए कि उसने जितने बुरे कर्म किए हैं, उसके मुताबिक अभी कुछ सजा नहीं मिली है।’

उन्होंने कहा कि यह विडंबना ही है कि यासीन मालिक को घाटी का गांधी बता दिया जाता है और हम जैसे निर्दोष लोग जो उसके द्वारा मारे जाते हैं, वे न्याय के लिए परेशान हैं। यहां तक कि मुझे अपनी पेंशन तक के लिए लड़ना पड़ा था और कोर्ट जाना पड़ा। इसलिए मुझे अब अदालत से ही न्याय की उम्मीद है। 70 वर्षीय निर्मल खन्ना ने न्याय की मांग करते हुए कहा है कि यासीन मलिक को फांसी दी जानी चाहिए।

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