निकहत जरीन ने इस्तांबुल में लहराया तिरंगा, महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण पदक

नई दिल्ली। भारत की निकहत जरीन ने तुर्की के इस्तांबुल में महिला विश्व चैंपियनशिप में 52 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीत लिया है। उन्होंने गुरुवार (19 मई) को फ्लाईवेट फाइनल में थाईलैंड की जितपोंग जुटामेंस पर जीत हासिल की।

वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फ्लाइवेट (52 किग्रा) वर्ग के एकतरफा फाइनल में तेलंगाना की मुक्केबाज निकहत जरीन ने थाईलैंड की प्रतिद्वंद्वी को हराया। जरीन मुकाबले के दौरान बेहतरीन फॉर्म में थीं। उन्होंने अपने तकनीकी कौशल का इस्तेमाल किया और अपने फुर्तीले पैर वाले प्रतिद्वंद्वी को पछाड़ने के लिए कोर्ट को अच्छी तरह से कवर किया। निकहत पहले दौर में सभी जजों को प्रभावित करने में सफल रहीं। उन्होंने थाई मुक्केबाज की तुलना में कहीं अधिक मुक्के मारे। दूसरा दौर कड़ा था और जितपोंग जुटामेंस ने इसे 3-2 से जीत लिया। फाइनल राउंड में निकहत ने प्रतिद्वंद्वी को बुरी तरह धोया और फैसला उनके पक्ष में सर्वसम्मति (5-0) से आया। इससे पहले सेमीफाइनल में जरीन ने ब्राजील की कैरोलिन डी अल्मेडा के खिलाफ 5-0 से जीत हासिल की थी।

भारत की ओर से 12 सदस्यीय टीम ने हिस्सा लिया था। भारत ने चार वर्ष के बाद स्वर्ण पदक हासिल किया है। इससे पहले 2018 में एम सी मैरीकॉम ने जीता था। निकहत के लिए यह साल शानदार रहा है। इससे पहले उन्होंने फरवरी में स्ट्रेंटजा मेमोरियल में स्वर्ण पदक जीता था। वह ऐसा करने वालीं पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनी थीं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निकहत को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया, ”महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर निकहत जरीन को बधाई। भारत को आपकी उपलब्धि पर गर्व है। आपके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।”

इस जीत के साथ जरीन विश्व चैंपियन बनने वाली पांचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं। उनसे पहले छह बार की चैंपियन एमसी मैरीकोम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006) और लेखा केसी विश्व खिताब जीत चुकी हैं।

भारत को दो कांस्य भी मिले
इस टूर्नामेंट में निकहत जरीन के स्वर्ण पदक के अलावा मनीषा मोन (57 किग्रा) और डेब्यूटेंट परवीन हुड्डा (63 किग्रा) ने कांस्य पदक अपने नाम किए। टूर्नामेंट में भारत के 12 सदस्यीय दल ने हिस्सा लिया था। भारत के पदक की संख्या में पिछले टूर्नामेंट की तुलना में एक पदक की गिरावट आई लेकिन चार साल बाद कोई भारतीय मुक्केबाज विश्व चैंपियन बनीं हैं। मैरीकॉम ने 2018 में भारत के लिए पिछला स्वर्ण पदक जीता था।

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