लखनऊ। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान सीतापुर जिला जेल से बाहर आ चुके हैं। वो पिछले ढाई साल से सीतापुर जेल में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी। जेल में सर्टिफाइड कॉपी न पहुंचने की वजह से कल उनकी रिहाई नहीं हो सकी थी। रात में सर्टिफाइड कॉपी सीतापुर जेल प्रशासन को मिला और उनकी रिहाई कभी भी हो सकती है। जेल खुलने के साथ ही आजम खान की रिहाई हो जाएगी।इस खास मौके पर उनके बेटे अदीब और शिवपाल यादव भी मौजूद हैं।
आजम खान ढाई साल से सीतापुर जेल में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी। जेल में सर्टिफाइड कॉपी न पहुंचने की वजह से कल उनकी रिहाई नहीं हो सकी थी। रात में सर्टिफाइड कॉपी सीतापुर जेल प्रशासन को मिला और उनकी पर मुहर लग गयी। 10 बार के विधायक और लोकसभा-राज्यसभा के सांसद रह चुके आजम खान ऐसे समय पर जेल से बाहर आए हैं, जब उनके करीबी पार्टी और खासकर अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आजम के बाहर आते ही कुछ दिलचस्प राजनीतिक घटनाक्रम दिख सकते हैं। अटकलें है कि सपा के दूसरे बागी शिवपाल यादव के साथ मिलकर आजम खान नया मोर्चा बना सकते हैं।
आजम खान को अंतरिम जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी थी और रेगुलर बेल के लिए सक्षम अदालत में अर्जी लगाने के लिए कहा था। आजम खान को 2 सप्ताह के भीतर सक्षम अदालत के समक्ष नियमित जमानत के लिए आवेदन करना होगा। अंतरिम जमानत उस जमानत अर्जी के निपटारे तक जारी रहेगी।यदि वह जमानत खारिज कर दी जाती है तो अंतरिम जमानत अगले 2 सप्ताह तक जारी रहेगी। यह आदेश जस्टिस एल नागेश्वर राव, बीआर गवई और एएस बोपन्ना की पीठ द्वारा दिया गया। 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के कोतवाली थाने से जुड़े एक मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. उत्तर प्रदेश राज्य की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने आजम खान की याचिका का विरोध किया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
इलाहाबाद HC द्वारा फैसला सुनाए जाने में लंबी देरी पर नाराजगी व्यक्त की थी और इसे ‘न्याय का उपहास’ कहा था।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते जमीन पर गलत तरीके से कब्जा करने से जुड़े एक मामले में आजम खान को अंतरिम जमानत दे दी थी।जफीर अहमद द्वारा दायर एक आवेदन में, यह कहा गया था कि आजम खान को एक अन्य प्राथमिकी में गिरफ्तार किया गया था “जो न्याय को नष्ट करने और याचिकाकर्ता को अपने लंबे और राजनीतिक रूप से इंजीनियर कैद से बाहर आने से रोकने के लिए एक साधन के अलावा और कुछ नहीं प्रतीत होता है”।
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