लखनऊ। बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद व मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि केस को लेकर जारी कानूनी लड़ाई के बीच सपा प्रमुख व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के बयान से सियासत गर्मा गई है। यादव के इस बयान कि ‘कहीं भी पीपल पेड़ के नीचे पत्थर रख दो, लाल झंडा रख दो, मंदिर बन गया’ पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई है।
सिद्धार्थनगर से लौटते समय अखिलेश अयोध्या में रुके थे, यहां पर उन्होंने एक होटल में प्रेसवार्ता की। कहा कि देश में महंगाई बढ़ी है, वह भाजपा ने बढ़ाई है। भाजपा ज्ञानवापी का मुद्दा जानबूझकर मुद्दा उठा रही है। अभी तक एक योजना चला रही थी, कि वन नेशन वन राशन, लेकिन अब योजना चला रही है कि वन नेशन वन उद्योग पति। सभी का ध्यान ज्ञानवापी मस्जिद की ओर करके भाजपा उद्योगों को बेच रही है।
उन्होंने कहा,’हमारे हिंदू धर्म में कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया।’ अखिलेश ने इशारों में बाबरी मस्जिद को याद किया और कहा कि एक समय ऐसा था कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी गई थीं। ये बुलडोजर सिर्फ धर्म, जाति और हमारे मुसलमान भाइयों को डराने के लिए है। कार्रवाई बड़े लोगों के लिए नहीं है।’
वहीं भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि अखिलेश यादव ने विवादित बातें कह कर हिंदू आस्था का मखौल उड़ाया है। भाजपा नेता ने कहा कि यह वही अखिलेश यादव है, जिनकी राजनीति निर्दोष रामभक्तों पर गोलियां चलवाने वाली पार्टी पर आधारित है। अखिलेश ने हिंदू साधु संतों को चिलमची भी कहा था। उनकी विचारधारा कांग्रेस से मेल खाती है, जिसने भगवान राम का अस्तित्व मानने से ही इनकार कर दिया था।