यूपी में नए मदरसों को नहीं मिलेगा सरकारी अनुदान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब किसी भी नए मदरसे को अनुदान नहीं मिलेगा। योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में इस पर मुहर लगा दी है। वर्ष 2016 में अखिलेश सरकार द्वारा मदरसों को अनुदान देने के लिए लागू की गई नीति को योगी आदित्यनाथ सरकार ने खत्म कर दिया है।

समाजवादी पार्टी सरकार के वक्त 146 मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करने का फैसला हुआ था। 100 मदरसों को सूची में शामिल भी किया गया। लेकिन बाकी बचे 46 मदरसों में से कुछ ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इस समय यूपी में 560 मदरसों को अनुदान मिल रहा है। इसके तहत सरकार प्रतिवर्ष 866 करोड़ रुपये अनुदान दे रही है। अनुदान से मदरसों के 12 शिक्षकों (आलिया के लिए चार, फौकानिया के लिए तीन व तहतानिया के लिए पांच) के अलावा प्रधानाचार्य व एक लिपिक का वेतन दिया जाता है।

आलिया में कक्षा 9-10 की पढ़ाई होती है जबकि फौकानिया में जूनियर हाईस्कूल और तहतानिया में प्राइमरी तक की पढ़ाई होती है। इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों की तरह सभी सुविधाएं मिलती हैं।

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