भारत ने पहली बार जीता थॉमस कप, खेल मंत्रालय ने किया 1 करोड़ के इनाम का एलान

15 मई 2022 का दिन भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। इस दिन भारत के बैडमिंटन खिलाड़ियों ने 14 बार की चैंपियन इंडोनेशिया को हराकर पहली बार थॉमस कप अपने नाम किया। इस जीत के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पुरुष बैडमिंटन टीम की तारीफ की है और उन्हें बधाई दी। वहीं, खेल मंत्रालय ने थॉमस कप विजेता टीम को 1 करोड़ रुपये देने का एलान किया है।

टीम इंडिया ने फाइनल में इंडोनेशिया को 3-0 से क्लीन स्वीप किया। पहले मैच में लक्ष्य सेन ने एंथोनी सिनिसुका को 8-21, 21-17, 21-16 से हराया। दूसरा मुकाबला डबल्स में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने 18-21, 23-21, 21-19 से जीत लिया।तीसरा मैच सिंगल्स का रहा, जिसमें किदांबी श्रीकांत ने जोनातन क्रिस्टी को 21-15, 23-21 से शिकस्त दी। भारतीय टीम ने मलेशिया और डेनमार्क जैसी टीम को हराकर पहली बार फाइनल में जगह बनाई थी, ऐसे में टीम का आत्मविश्वास काफी मजबूत रहा। अब फाइनल में 14 बार की रिकॉर्ड चैम्पियन इंडोनेशिया को शिकस्त देकर इतिहास रच दिया है।

भारत की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले ट्वीट कर सभी को बधाई दी और इसके बाद खिलाड़ियों से फोन पर बात की। प्रधानमंत्री ने फोन पर बात करते हुए खिलाड़ियों से कहा, “आप सबने कमाल कर दिया। यह इंडिया की श्रेष्ठ खेल जीत है।” उन्होंने किदांबी श्रीकांत को विशेष बधाई देते हुए कहा कि आप एक भी मैच नहीं हारे। इसके साथ ही उन्होंने युवा लक्ष्य सेन से वापस लौटकर अल्मोड़ा की बाल मिठाई खिलाने के लिए कहा। उन्होंने चिराग शेट्टी से मराठी में बात की तो वहीं प्रणॉय से भी मैच पर बात की। मोदी ने सभी से पूछा कि आपको कब लगा कि हम जीत सकते हैं। इसके जवाब में श्रीकांत और लक्ष्य ने कहा कि क्वार्टर फाइनल में करीबी मुकाबले जीतने के बाद टीम को खिताब जीतने की उम्मीद जगी।

बता दें आज से ठीक 28 साल पहले भारत सरकार ने 1994 के राष्ट्रमंडल खेलों में बैडमिंटन टीम भेजने से इनकार कर दिया था, क्योंकि सरकार इतना आश्वस्त थी कि टीम टॉप -6 में नहीं पहुंच पाएंगे। इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका जैसी उस वक्त की धाकड़ टीमें टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही थीं। पुलेला गोपीचंद राष्ट्रीय उस समय टीम के सदस्य थे और उन्हें सरकार के फैसले से निराशा हुई, लेकिन वह नाराज नहीं थे, क्योंकि यह तब बैडमिंटन का मानक था।

भारतीय टीम के मुख्य कोच गोपीचंद ने कहा, ‘सरकार के उस कदम ने हमें अगले संस्करण में टीम सिल्वर जीतने के लिए प्रेरित किया और अब थॉमस कप जीतना किसी भी राष्ट्रीय टीम के लिए महान उपलब्धि है।’

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