लखनऊ। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के सूत्रधार रहे भारतीय किसान यूनियन में दरार पड़ गयी है। किसान आंदोलन का बड़ा चेहरा रहे राकेश टिकैत और उनके भाई नरेश टिकैत को संगठन से अलग कर दिया गया है। नया संगठन भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के नाम से काम करेगा, जिसका अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान को बनाया गया है। जिसके बाद राकेश टिकैत ने कहा कि ये सब कुछ सरकार के इशारे पर हुआ है।
भाकियू संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत 2011 में दिवंगत हुए थे। इससे पहले भी और बाद में भी कई बार भाकियू टूटी। इससे भाकियू- भानू, लोकशक्ति, महाशक्ति, सौराज, अंबावत, असली, अवध, तोमर समेत कई संगठन बने। पर इस बार की फूट से भाकियू को बड़ा झटका लगा है। इस बार एक साथ काफी संख्या में 25-30 साल पुराने दिग्गजों ने यूनियन को अलविदा कहते हुए नया संगठन बना लिया है। दावा है कि भाकियू को महेंद्र टिकैत ने अराजनैतिक बनाया था पर अब यह राजनीतिक हो गई है। अहम बात यह है कि जितने भी अहम पदाधिकारी नए संगठन में गए हैं वे सब अपने-अपने क्षेत्र में भाकियू की रीढ़ रहे हैं। यह बात राकेश टिकैत खुद स्वीकारते हैं। चाहे लखनऊ में हरिनाम सिंह वर्मा हों या फतेहपुर के राजेश चौहान। अलीगढ़ के अनिल तालान हों या स्याना के मांगेराम त्यागी। सभी का संगठन में अहम रोल था। धर्मेंद्र मलिक तो 25 साल से यूनियन से जुड़े थे।
असंतुष्ट गुट ने भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के नाम से नया संगठन बना लिया और भारतीय किसान यूनियन के उपाध्यक्ष रहे राजेश सिंह को इस संगठन का अध्यक्ष बना दिया गया। राकेश टिकैत और नरेश टिकैत इस कार्यक्रम में शामिल तक नहीं हुए। इस नए संगठन के सदस्यों का आरोप है कि राकेश टिकैत अपने लिए राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे हैं और किसानों से उनका सरोकार नहीं रह गया है।
बीते विधानसभा चुनाव के दौरान राकेश टिकैत ने कहा था कि ईवीएम की भी रखवाली करनी होगी। यह बात यूनियन के एक गुट को रास नहीं आई थी। तब भी दबी जुबान में यह कहा गया था कि यूनियन को राजनीति नहीं करनी चाहिए। आरोप लगा था कि भाकियू सपा-रालोद गठबंधन को सपोर्ट कर रही है।
वहीं बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत की तरफ से इसका जवाब दिया गया है। जिसमें उन्होंने कहा कि, कुछ लोगों के विचार नहीं मिले तो वो छोड़कर चले गए। टिकैत ने बताया कि नाराज किसान नेताओं ने अलग से अपना संगठन बनाया है। उन्होंने दूसरे संगठन को बधाई भी दी। साथ ही कहा कि सरकार के इशारे पर ये सब हो रहा है। हमारा संगठन भारतीय किसान यूनियन है। जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत हैं, संगठन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, चंद लोगों से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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