असम के CM की फिसली जुबान, मोदी को गृहमंत्री और शाह को कह गए प्रधानमंत्री, देखें VIDEO

गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक सार्वजनिक रैली में ‘भूलवश’ नरेंद्र मोदी को गृहमंत्री और अमित शाह को प्रधानमंत्री कह डाला जिससे राज्य में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने कहा है कि यह ‘मानवीय भूल’ है। हालांकि विपक्ष को इसमें शाह को अगले प्रधानमंत्री के तौर पर ‘आगे बढ़ाने’ की साजिश की गंध आ रही है।

सरमा अपनी सरकार के एक साल पूरा होने पर मंगलवार को यहां एक सार्वजनिक रैली में बोल रहे थे। इस रैली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी थे। अपने भाषण में सरमा ने ‘प्रधानमंत्री’ अमित शाह एवं ‘हमारे प्रिय गृहमंत्री नरेंद्र मोदी’ और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के प्रति उनके मार्गदर्शन एवं प्रेरणा के लिए आभार प्रकट किया। अब करीब 15 सेंकेंड के वीडियो क्लिप का असम में विपक्षी दल शीर्ष भाजपा नेताओं के पदों की इस अदला-बदली के पीछे के ‘एजेंडे’ पर सवाल खड़ा करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

कांग्रेस ने वीडियो शेयर कर साधा निशाना
कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस क्लिप को डाला और सरमा एवं उनके पूर्ववर्ती सर्बानंद सोनोवाल से जुड़े ऐसे ही प्रकरणों का हवाला दिया। उसने ट्वीट किया, ‘‘जब सर्बानंद सोनोवाल जी मुख्यमंत्री थे तब सांसद पल्लब लोचन दास ने सार्वजनिक रूप से कई मौकों पर कैबिनेट मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को मुख्यमंत्री कहकर संबोधित किया।’’ कांग्रेस ने सवाल किया, ‘‘क्या भाजपा ने नरेंद्र मोदी जी के स्थान पर अगला प्रधानमंत्री तय कर लिया है? या अमित शाह जी को अगले प्रधानमंत्री के रूप में आगे बढ़ाने का अभियान शुरू किया गया है?’’

‘यह कोई जुबान फिसलना नहीं, सरमा की एक रणनीति है’
असम जातिया परिसर ने भी कथित गुप्त मंसूबे का आरोप लगाया और उसके प्रवक्ता जियाउर रहमान ने ट्वीट कर दावा किया कि सरमा द्वारा शाह को प्रधानमंत्री संबोधित करना ‘कोई जुबान फिसलना नहीं, बल्कि उनकी एक रणनीति’ है। उन्होंने पल्लब लोचन दास के प्रकरण का हवाला दिया। रहमान ने कहा, ‘‘ऐसे संबोधनों के पीछे का मुख्य एजेंडा बाद में स्पष्ट हुआ। इसलिए आज के सदंर्भ में मुख्यमंत्री सरमा द्वारा गृहमंत्री को प्रधानमंत्री बनाने के पीछे के एजेंडे को समझना कठिन नहीं है।’’

भाजपा प्रवक्ता रूपम गोस्वामी ने विपक्ष के दावे को बकवास बताया और कहा कि यह ‘महज एक भूल’ थी। उन्होंने कहा, ‘‘यह मानवीय भूल थी, जुबान फिसल गई। यह किसी के साथ हो सकता है।’’ उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी एवं अमित शाह भी इस बात से नाराज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को ऐसी मामलों पर ध्यान देने के बजाय लोगों की समस्याओं को सुनना चाहिए और उससे जुड़े ‘असल मुद्दों’ पर आवाज उठानी चाहिए।

Exit mobile version