मेरठ। बीजेपी के पूर्व विधायक संगीत सोम के एक और विवादित बयान सामने आया है। इस बयान में संगीत सोम ने ज्ञानवापी मस्जिद पर बात की। उन्होंने कहा कि औरंगज़ेब जैसे लोगों ने ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई थी। 92 में बाबरी और 22 में ज्ञानवापी की बारी है। आक्रांताओं ने मंदिर को तोड़कर जो मस्जिद खड़ा किया था उसे वापस लेने का समय आ गया है।
मेरठ के सरधना से भाजपा के पूर्व विधायक संगीत सोम सोमवार को महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर ज्वालागढ़ चौराहे पर स्थित प्रतिमा का माल्यार्पण करने पहुंचे थे। महाराणा प्रताप चौक ज्वालागढ़ में मुख्य अतिथि पूर्व विधायक संगीत सोम ने महाराणा प्रताप सिंह के जीवन व संघर्ष की चर्चा की। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने मुगल शासक अकबर को कई बार रणभूमि में टक्कर दी।
उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राण त्याग दिए थे। भारत के महान सपूत और वीर योद्धा महाराणा प्रताप की जीवन-गाथा साहस, शौर्य, स्वाभिमान और पराक्रम का प्रतीक है। महाराणा प्रताप ने अपनी मां से युद्ध कौशल सीखा था। इससे पूर्व शौर्य यात्रा का गांवों में ढोल नगाढ़ों से स्वागत किया गया। वहीं गांव कुशावली में महाराणा प्रताप जयंती के उपलक्ष्य में महाराणा प्रताप के बोर्ड का उद्घाटन किया गया।
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि औरंगज़ेब जैसे लोगों ने ज्ञानवापी मस्जिद बनवा दी थी। जिसके बाद 92 में बाबरी व 22 में ज्ञानवापी की बारी है। मुसलमान आक्रांताओं ने मंदिर को तोड़कर जो मस्जिद को खड़ा किया था, उसे वापस लेने का समय आ गया है। कहा कि धर्म की सुरक्षा के लिए संगठित होना जरूरी है।
बाद में इस कार्यक्रम की तस्वीरें फेसबुक पर पोस्ट करते हुए संगीत सोम ने लिखा-‘आज वीर शिरोमणि, मां भारती के वीर पुत्र, पूज्य महाराणा प्रताप जी की जन्मजयंती के शुभ अवसर पर ज्वालागढ़ चौराहे पर स्थित प्रतिमा का माल्यार्पण किया। हजारों की संख्या में आये युवा साथियों का अभिवादन किया और जयंती पर महाराणा प्रताप जी का स्मरण कर युवासाथियों को संबोधित किया।’