दिल्ली। दिल्ली में विधायकों की तनख्वाह सभी भत्ते मिलाकर अब 90 हजार रुपये हो जाएगी। आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से सात साल बाद सुझाव आया है कि दिल्ली के विधायकों की सैलरी को 12 हजार से बढ़ाकर 30 हजार कर दें, जो सभी भत्ते मिलाकर 90 हजार रुपये हो जाएगी।
सौरभ ने कहा कि ऐसा नहीं है कि अभी विधायकों की तनख्वाह बढ़ गई है। अभी इसे दिल्ली विधानसभा में रखा जाएगा, पास किया जाएगा और फिर नोटिफाई किया जाएगा। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब हम विधायक बने थे तब सैलरी 12 हजार रुपये थी। हमने उसे बढ़ाने के लिए एक बिल पास किया और केंद्र को भेजा। 2015 से 2022 तक वह बिल फंसा हुआ था।
सात साल से दिल्ली विधानसभा के अंदर विधायकों की सैलरी जो थी वह करीब 12 हजार रुपये थी। इसके अलावा उनको विधानसभा क्षेत्र अलाउंस, कन्वेंस अलाउंस, टेलीफोन अलाउंस, सेक्रेटिएट अलाउंस और भत्ते मिलाकर 54 हजार सैलरी मिलती थी।
जब केंद्र को एक बिल भेजा गया, तो केंद्र सरकार की तरफ से सुझाव आया कि सैलरी को 12 हजार से बढ़ाकर 30 हजार कर दें। पहले जो 54 हजार रुपये विधायकों को मिलते थे, वह बढ़कर 90 हजार करने की केंद्र सरकार ने अनुमति दी है।
अन्य राज्यों से कम है दिल्ली में वेतन
भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के विधायकों का वेतन अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे कम है। दिल्ली के विधायकों का वेतन करीब 12 हजार रुपये था और सभी भत्ते मिलाकर 54 हजार सैलरी मिलती थी। तेलंगाना में विधायकों की तनख्वाह 2.50 लाख, महाराष्ट्र में 2.32 लाख, उत्तर प्रदेश में 1.87 लाख, जम्मू कश्मीर में 1.60 लाख, उत्तराखंड में 1.60 लाख, आंध्र प्रदेश में 1.30 लाख, हिमाचल में 1.25 लाख, राजस्थान में 1.25 लाख, हरियाणा में 1.15 लाख और पंजाब में 1.14 लाख रुपये है।